प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले दो दोस्तों की हत्या के आरोप में 6 गिरफ्तार
गाजियाबाद: टीला मोड़ थाना क्षेत्र में 31 दिसंबर की रात हुई दुर्गेश कसाना और उनके चचेरे भाई गौरव कसाना की हत्या खेत में चल रही तार गलाने की अवैध फैक्ट्री का विरोध करने पर की गई थी। पुलिस ने मामले में खेत मालिक, फैक्ट्री संचालक समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जबकि खेत मालिक का भाई अभी फरार है। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने दोनाली बंदूक, तमंचा, कारतूस और मृतक की बाइक बरामद की है। 31 दिसंबर की रात भी दोनों भाई फैक्ट्री बंद कराने पहुंचे थे। वहां फैक्ट्री संचालक ने खेत मालिक के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी और शवों को अलग-अलग खेतों में ठिकाने लगा दिया। पकड़े गए आरोपितों में लोनी के ग्राम कोतवालपुर का संजीव उर्फ संजय कसाना, हर्ष विहार दिल्ली का जनक सिंह, बरेली के पिंटू, वीरेंद्र, सुखबीर व अनुज हैं। वारदात में शामिल संजय का भाई विनोद कसाना फरार है। उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
गांव में प्रदूषण फैलने पर विरोध करते थे दोनों भाई
डीसीपी ट्रांस हिंडन डा. दीक्षा शर्मा ने बताया कि मूलरूप से भरतपुर राजस्थान का जनक लोनी थाना क्षेत्र के कोतवालपुर में संजय कसाना के खेत में तार गलाने की फैक्ट्री चलाता है। यह फैक्ट्री गांव रिस्तल के पास है। रिस्तल में प्रदूषण फैलने से दुर्गेश और गौरव समेत अन्य ग्रामीण विरोध करते थे। दोनों भाइयों ने कई बार फैक्ट्री बंद कराने का प्रयास किया। जिसको लेकर फैक्ट्री संचालक जनक उनसे रंजिश मानने लगा था। 31 दिसंबर की रात को भी दोनों फैक्ट्री बंद कराने पहुंचे थे। इसको लेकर दोनों का जनक से झगड़ा हुआ। उसने संजय कसाना और उसके भाई विनोद कसाना को मौके पर बुला लिया। वह अपनी दोनाली बंदूक लेकर मौके पर पहुंचे और झगड़ा बढ़ने पर जनक, संजय कसाना और विनोद कसाना ने फैक्ट्री कर्मचारियों के साथ मिलकर दोनों की हत्या कर दी।
मौत की पुष्टि करने के लिए दोनों का रेता गला
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपितों ने गौरव की गोली मारकर हत्या की और दुर्गेश को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा। उन्होंने मौत की पुष्टि करने के लिए दोनों का गले रेत दिए। सभी आरोपित दोनों भाइयों के शवों को चारपाई पर रखकर ले गए। पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने दुर्गेश के शव को लोनी थाना क्षेत्र के खेत में फेंका। जबकि गौरव के शव को टीलामोड़ थाना क्षेत्र के खेत में डाल दिया। आरोपितों ने शवों को झाड़ियों से छिपा दिया था ताकि उनपर किसी की नजर न पड़े। घटना के बाद मुख्य आरोपित पुलिस की गतिविधियों पर निगाह बनाए हुए थे। फैक्ट्री संचालक जनक रोजाना घटनास्थल के आसपास घूमकर नजर रख रहा था तो जमीन मालिक संजय कसाना घर में मौजूद रहकर शवों पर निगाह बनाए हुए था। चार जनवरी को पुलिस ने शव बरामद किए तो जनक फरार हो गया और संजय कसाना अपने घर पर ही रहा।
तीन दिन बाद स्वजन ने थाने पर दी सूचना
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि मृतक दुर्गेश कसाना पूर्व में चोरी की बाइक के साथ लोनी थाने से जेल जा चुका था। उसके लापता होने पर परिजनों को लगा कि वह फिर किसी मामले में जेल चला गया। इस कारण दुर्गेश के परिजन तीन जनवरी को थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस से उसके जेल जाने के बारे में जानकारी जुटाई। जानकारी होने के बाद ही उन्होंने दोनों भाइयों की गुमशुदगी टीलामोड़ थाने पर दर्ज कराई थी।