ग्रेटर नोएडा में माफिया ने पौने दो करोड़ की बालू-मिट्टी का किया खनन, देखिये पूरी खबर
ग्रेटर नोएडा। जिला खनन विभाग के अधिकारी सो रहे हैं और खनन माफिया सक्रिया हैं। कड़ाके की ठंड में सक्रियता दिखाते हुए खनन माफिया ने यमुना नदी के डूब क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों के दौरान ही लगभग पौने दो करोड़ रुपये कीमत की बालू व मिट्टी का खनन कर लिया।
शिकायत के बाद अधिकारियों की नींद टूटी तो अब बगले झाक रहे हैं। खनन किसने किया अभी यह पता नहीं चला है। जिस किसान के खेत से खनन हुआ है उसे दोशी मानते हुए लगभग 35 लाख रुपये वसूली का नोटिस जारी करने की तैयारी है।
अधिकारी पर गिरी थी कार्रवाई की गाज खनन
गौतमबुद्ध नगर में बालू व मिट्टी के खनन का खेल बहुत पुराना है। पूर्व में जिले में हुए खनन का मामला शासन स्तर तक पहुंच चुका है। कार्रवाई की गाज खनन अधिकारी पर गिरी थी, उनका स्थानांतरण हो गया था। पिछले कुछ साल से मामला शांत था। नीति का निर्धारण कर खनन के पट्टे जारी कर दिए गए थे।
अधिकारियों के द्वारा दावा किया जा रहा था जिले में कहीं पर भी बालू का अवैध खनन नहीं हो रहा है। एसडीएम सदर अंकित कुमार द्वारा की गई जांच में बालू खनन से बने 20 से 25 फिट गहरे गडढ़ों ने अधिकारियों के द्वारा खनन न होने के दावे को धराशायी कर दिया है।
मशीनों के द्वारा दिन के साथ ही रात में भी धड़ल्ले से खनन किया गया था। एसडीएम को शिकायत मिली थी इलाबास गांव में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में धड़ल्ले से खनन हो रहा है। जांच करने पहुंचे एसडीएम की आंख खुली रह गई जब उन्हे मिला कि खनन से 25 फिट तक गहरे गडढ़े बन गए हैं। मौके पर ही उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि 18 हजार क्यूबिक मीटर बालू व 6600 क्यूबिक मीटर मिट्टी का खनन किया गया है।
बालू व मिट्टी के अवैध खनन की कीमत बाजार में लगभग पौने दो करोड़ बताई जा रही है। यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बने कुछ गांव में भी अवैध खनन की शिकायत मिली है, प्रशासन की टीम जल्द ही मौके पर पहुंचकर जांच करेगी।
हो सकती है दुर्घटना
खनन के बाद गांव के डूब क्षेत्र में 25 फिट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। बारिश के मौसम में इन गड्ढों में पानी भर जाता है। इस कारण गहराई का पता नहीं चलता। ऐसे में कोई बड़ी घटना हो सकती है।
पट्टा बंद होने के दौरान खनन की आशंका
बारिश शुरू होने के बाद खनन का पट्टा सरकारी नियम के तहत बंद कर दिया जाता है। बारिश बंद होने के बाद पट्टा धारकों को खनन की अनुमति मिलती है। एनजीटी के नियमों के कारण इस बार अक्टूबर के लगभग अंत में पट्टा धारकों ने खनन शुरू किया था। खनन बंद होने के कारण बाजार में बालू की मांग व कीमत बढ़ गई थी। संभावना जताई जा रही है इसी दौरान अवैध खनन हुआ है।
एसडीएम सदर अंकित कुमार ने बताया कि जिस खेत में खनन मिला है वह ग्रामीण शिव कुमार का है। बालू व मिट्टी के खनन से हुए राजस्व की वसूली के लिए उसे 35 लाख रुपये का नोटिस जारी किया जाएगा। डूब क्षेत्र में स्थित अन्य गांवों में भी जल्द जांच की जाएगी।