कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक की होगी सीबीआई जांच, योगी सरकार ने की सिफारिश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSMU) के कुलपति विनय कुमार पाठक के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है. कानपुर के वीसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है. अभी तक इस मामले में यू.पी. स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) जांच कर रही थी. मामले में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. हालांकि, एसटीएफ कुलपति के मामले को सुलझाने में विफल रही है, जो गंभीर आरोपों के बावजूद कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी बने हुए हैं. उनके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी सरकार के गृहविभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सीबीआई जांच की सिफारिश पिछले सप्ताह केंद्र सरकार को भेजी गई थी. अब इस मामले को केंद्रीय एजेंसी सॉल्व करेगी. अधिकारी ने कहा कि इतने सीनियर ऑफिसर के खिलाफ आरोपों की गंभीरता और विश्लेषण करने के बाद ही सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी.
ये आरोपी अब तक गिरफ्तार
एसटीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिनमें अजय मिश्रा, अजय जैन और मिश्रा के सहयोगी सुल्तानपुर निवासी संतोष कुमार सिंह शामिल हैं. अक्टूबर में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने वाली एक कंपनी के मालिक डेविड मारियो दानिश ने विनय पाठक पर अपनी कंपनी के बिलों के भुगतान के लिए 1.4 करोड़ रुपये निकालने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. वहीं, गुड़गांव के अजय जैन ने भ्रष्ट आचरण से कमाए गए पैसे का लेन-देन किया और नकली और छेड़छाड़ किए गए बिल और ई-वे बिल बनाकर लेनदेन को प्रबंधित किया. उन पर धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था.
विनय कुमार का यह है शैक्षिक करियर
बता दें कि विनय कुमार पाठक ने 1991 में कानपुर के एचबीटीआई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है. 1998 में आईआईटी खड़गपुर से एमटेक किया और 2004 में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री ली हुई है. लगभग 26 सालों से विनय कुमार पाठक ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में काम किया. कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कुलपति बनने से पहले विनय पाठक कई अन्य विश्वविद्यालय में भी कुलपति रहे हैं.