पाक पुलिस ने पकड़े तहरीक-ए-तालिबान के पांच आतंकी, पाकिस्तान के बड़े नेताओं को दे चुका है धमकी
पेशावर। अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम के कबायली जिलों में बढ़ती आतंकी और अपहरण की घटनाओं के विरोध में हजारों आदिवासियों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में तत्काल शांति की बहाली की मांग की।
कई शहरों में आतंकी घटनाएं बढ़ीं
बता दें कि खैबर पक्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रातों में आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। इन घटनाओं में प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का हाथ बताया जा रहा है। पश्तून राष्ट्रवादी और पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) के नेता मंजूर पुश्तीन ने तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।
व्यापारियों और निवेशकों में डर का माहौल
इस दौरान उन्होंने कहा कि अशांति ने व्यापारियों और निवेशकों को डरा दिया है। वे मौजूदा बिगड़ी कानून व्यवस्था की स्थिति में अपना कारोबार चलाने के लिए तैयार नहीं हैं। यदि स्थिति पर शीघ्र काबू नहीं पा गया तो आदिवासी युवा आतंकवादियों की तरह हथियार उठा सकते हैं। कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
टीटीपी ने किए कई हमले
बता दें कि टीटीपी को पाकिस्तान में कई बड़े हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है। इसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमला और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है।