सिलवासा। अंधविश्वास के चक्कर में फंसकर दादरा और नगर हवेली में नौ साल के एक बच्चे की बलि देने का मामला सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह कि दो अन्य लोगों के साथ मिलकर एक नाबालिग ने इस घटना को अंजाम दिया। इसके लिए पहले उसका अपहरण किया गया और बाद में उसका सिर काट दिया गया। कहा गया है कि ऐसा आर्थिक रूप से संपन्न होने के लिए किया गया। सिर काटने के बाद शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के साथ ही नाबालिग को भी गिरफ्तार किया है।
29 दिसंबर को हुआ था अपहरण
पुलिस के अनुसार, दादरा और नगर हवेली जिले के सायली गांव से नौ साल का बच्चा 29 दिसंबर को अचानक लापता हो गया था। 30 दिसंबर को अपहरण का मामला दर्ज किया गया। बच्चे का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमों को लगाया गया था। एक अधिकारी ने कहा कि जहां शव मिला था, उसके आसपास शरीर के कुछ हिस्से भी मिले थे। इसी स्थान पर मानव बलि दी गई थी। शरीर के अंगों को फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
नाबालिग ने खोला राज
पुलिस के अनुसार, इस मामले में एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया था। उसके जरिये ही इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि 29 दिसंबर, 2022 को सायली गांव से बच्चे का अपहरण किया गया था। उसने अपने साथी की मदद से बलि देने के लिए बच्चे की हत्या कर दी थी। नाबालिग से पूछताछ के बाद अपराध में इस्तेमाल हथियार को बरामद कर लिया गया है। आरोपित नाबालिग ने पुलिस को बताया है कि उसके दोस्त शैलेश कोहकेरा (28) ने बच्चे की हत्या में उसकी मदद की थी। रमेश सांवर भी साजिश का हिस्सा था। सांवर ने आर्थिक फायदे के लालच में बलि के लिए बरगलाया था।
कसाई का काम करता था नाबालिग आरोपित
पुलिस ने कहा है कि किशोर सायली गांव में एक चिकन की दुकान में कसाई का काम करता था। वह गुजरात के तापी जिले के करजान गांव का मूल निवासी है। उसे सूरत के निगरानी गृह में भेज दिया गया है।