₹200 की लागत में बनाते थे देसी घी नोएडा में नकली घी की फैक्ट्री का भंडाफोड़ जाने कैसे करें पहचान
नोएडा। संवाददाता। दिल्ली एनसीआर में नकली घी बनाकर देसी घी के रूप में बेचने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस कारोबार में लगे कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग ₹200 की लागत में नकली घी बनाकर ₹500 किलो में बेचने का धंधा करते थे। खाद्य सुरक्षा विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने शुक्रवार को वाजिदपुर गांव के घर में नकली देशी घी बनाने वाली फैक्टरी पर छापा मारा । छठ के दौरान टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मौके से 240 किलोग्राम नकली घी जब्त किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी कंपनियों के लेवल लगाकर नकली घी को देसी घी के नाम पर बेचते थे। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि वाजिदपुर निवासी संदीप चौहान, जसवंत चौहान और महेंद्र चौहान के संरक्षण में उनके घर पर विकास अग्रवाल निवासी बदरपुर दिल्ली फैक्टरी चला रहा था। वह मिलावटी घी तैयार करता था। उसके पास फैक्टरी चलाने के लाइसेंस भी नहीं था। फैक्टरी से करीब 20 पेटी घी बरामद हुआ है। प्रत्येक पेटी में एक-एक किलोग्राम के 12 डिब्बे थे। फैक्टरी में वनस्पति घी में केमिकल डालकर देशी घी तैयार किया जाता था। विकास एक किलोग्राम घी तैयार करने में लगभग 200 रुपये खर्च करता था, जबकि उक्त घी को बाजार में 500 से 700 रुपये में बेच देता था। यह धंधा कई वर्षों से चल रहा था। टीम ने पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर सभी पैकेट घी व अन्य सामान कब्जे में ले लिया। उनके खिलाफ एक्सप्रेसवे थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा। घी में मिलावटी चीजों के इस्तेमाल से किडनी, लीवर और दिल पर असर पड़ता है। इनसे कैंसर तक हो सकता है। पेट और स्किन के रोग तो तत्काल दिखाई देने लगते हैं, लेकिन बाकी गंभीर बीमारियां धीरे-धीरे घेरती है।
जाने कैसे करें पहचान असली और नकली घी की-बर्तन में एक चम्मच घी गर्म कर लें। घी तुरंत पिघल जाता है और गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध है। पिघलने में समय लगता है और हल्के पीले रंग में बदल जाता है, तो यह मिलावटी है।