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सूदखोरों से परेशान था व्यापारी, फेसबुक लाइव में खुद को गोली मारकर किया सुसाइड

बलिया: शहर के स्टेशन माल गोदाम रोड पर गन हाउस संचालक नंदलाल गुप्ता ने बुधवार की दोपहर करीब तीन बजे अपनी लाइसेंस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली, इससे उनकी तत्काल मौत हो गई। वह सूदखोरों से परेशान थे। वारदात के पहले उन्होंने दुकान का गेट बंद कर लिया था, इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया, फिर दाहिनी कनपटी पर फायर कर दिया। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए।

पुलिस ने फर्श पर गिरी रिवाल्वर को जब्त कर लिया। कारोबारी ने सामने टेबल पर एक सूची भी रखी थी, जिसमें सभी सूदखोरों के नाम भी हैं। उन्होंने कितना कर्ज लिया था और उन्हें कौन परेशान कर रहा था, इसकी पूरी जानकारी है। विस्तृत जांच शुरू हो चुकी है। दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज जब्त कर लिए गए हैं, पूरे दिन फुटेज चालू था।

बताते हैं कि घटना से थोड़ी देर पहले कुछ लोग नीले रंग की लग्जरी कार से दुकान पर आए थे। उनसे कारोबारी की बातचीत भी हुई, उनके जाते ही कारोबारी ने आत्महत्या कर ली। दुकान पर लगे सीसीटीवी फुटेज और फेसबुक पर अपलोड किया गया वीडियो पुलिस ने सुरक्षित कर लिया है।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित वीडियो में कारोबारी ने खुद को सूदखोरों द्वारा परेशान किया जाना बताया है। कारोबारी ने वीडियो अपनी दुकान पर बैठकर ही अपलोड किया है। तीन मंजिला भवन में सबसे नीचे गन हाउस है, जबकि ऊपर बाकी फ्लोर पर उनका ही परिवार रहता है।

परिवार में पत्नी मोनी गुप्ता, मां सुशीला देवी और 12 वर्षीय बेटी गुनगुन व 10 वर्षीय बेटा नैतिक है। कृष्ण मुरारी उनके बड़े भाई थे, वह लखनऊ रहते हैं जबकि छोटा भाई शैलेश गुप्ता भी शहर में अन्यत्र रहता था। पुलिस ने स्वजन का बयान दर्ज किया है। फारेंसिक टीम ने भी जांच पूरी कर ली है। देर शाम तक मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है।

वीडियो में कारोबारी ने कही ये बातें

बलिया आर्म्स कारपोरेशन के संचालक नंदलाल ने सुसाइड करने से पहले वीडियो में कहा कि उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है, उसने कुछ लोगों से ब्याज पर रुपये लिए थे, लेकिन मूलधन से अधिक भुगतान भी कर दिया है। जितने लोग हैं, वे लोग बहुत परेशान कर दिए हैं। मेरे साथ न्याय किया जाए। मेरा घर तक लिखवा दिया गया है। जीना नहीं चाहता हूं। मेरे परिवार और बच्चों का भला करें। बस और कुछ नहीं चाहिए …।

ठीक चल रहा था कारोबार, नजर गड़ाए कई सफेदपोश

पुलिस सूत्रों की मानें तो गन हाउस में बंदूक और कारतूस की बिक्री होती थी। ठीक कारोबार चलता था। हर महीने अच्छी बिक्री हो जाती थी, यही वजह है कि दुकान पर कई सफेदपोश लोगों की भी नजर थी। यह दुकान करीब डेढ़ दशक पुरानी है।

नंदलाल के साथ काम में हाथ बंटाने वाले सात साल पुराने कर्मचारी अभिमन्यु कुमार कश्यप ने बताया कि वारदात के वक्त वह मौजूद नहीं था, क्योंकि वह अपने दादा के अंतिम संस्कार में गया हुआ था। पुलिस का फोन आने पर उसे आना पड़ा। वह रोज स्टॉक खरीद और बिक्री की रिपोर्ट पुलिस विभाग को देता था, यह उसकी बड़ी जिम्मेदारी थी।

इन्होंने कहा…

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि कारोबारी के परिवार का बयान लिया गया है। वह अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। हर बिंदु से जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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