Prayagraj: वाहन चोर,चार बदमाश गिरफ्तार, मीडिया के सामने पेश किया; नकदी व असलहा बरामद
प्रयागराज। वाहन चोरी में कोतवाली पुलिस ने सरगना तरुण निषाद समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए गैंग का भंडाफोड़ किया है। आरोपितों के कब्जे से चोरी की 10 बाइक, एक स्कूटी, नकदी और तमंचा, कारतूस बरामद हुए हैं। शहर के भीड़भाड़ इलाके से वाहन चोरी करने के बाद अभियुक्त उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के स्टैंड पर खड़ी करते थे।
ये है पूरा मामला
पुलिस लाइन सभागार में एडीसीपी सिटी सरवणन ने आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि उमरपुर नीवा निवासी तरुण निषाद वाहन चोर गैंग का सरगना है। वह अपने ही मोहल्ले में रहने वाले अभिषेक पासी के साथ वाहनों की चोरी करता था। इसके बाद प्रेम नगर कैंट में रहने वाले कबाड़ी रवि पाल और हड्डी गोदाम करेली के अब्दुल शेख उर्फ हुसैन के पास बेचते थे। दोनों कबाड़ी न बिकने वाली गाड़ियों को खरीद लेते थे और फिर उसके पार्ट्स अलग करके बेचते थे। अब्दुल शेख मूलरूप से मालदा टाउन, मानिकचंद, मालदा बंगाल का रहने वाला है। यहां किराए पर कमरा लेकर रहता और कबाड़ी का काम करता था।
निशाने पर होती थी आसानी से ताला खुलने वाली बाइक
एडीसीपी सिटी ने कहा कि चोरों के निशाने पर ऐसी बाइक होती थी, जिसके ताले आसानी से खुल जाते थे। बाजार में स्पलेंडर, टीवीएस स्पोर्टस सहित अन्य बाइक जिसकी कीमत ज्यादा मिलती है, उसी को चोरी करते थे। इसके बाद तीन चार दिन तक स्टैंड में खड़ी कर देते थे। इसका पता चलने पर चौकी प्रभारी एसआरएन संजय गुप्ता छानबीन शुरू की और फिर कार्यवाहक थानाध्यक्ष मुदित राय, दारोगा आकाश सचान समेत अन्य के साथ घेरेबंदी कर चारों को दबोच लिया।
छीनी केस फाइल फिर बनवाने में सुस्ती पर हाई कोर्ट गंभीर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर में आपराधिक केस फाइल छीने जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने जिला न्यायाधीश व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) जौनपुर को छीनी गई फाइल एक माह में फिर से बनवाने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। कहा है कि ऐसा नहीं होने पर इस विफलता को कोर्ट गंभीरता से लेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने मोहम्मद जुनैद की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 21फरवरी को होगी। कोर्ट फाइल एक अभियुक्त लिपिक से छीन कर भाग गया था। कोर्ट ने फाइल पुनर्निर्मित करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट में केवल एक पेपर ही निर्मित होने की बात की गई। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि केस डायरी व चार्जशीट पुलिस थाने से मंगाई जा सकती थी।