बंगाल पुलिस ने दनकौर पुलिस को चकमा देकर ऐसे की बीजेपी नेता की गिरफ्तारी
Greaternoida u.p./Dr.Satish Sharma jafravadi
बंगाल पुलिस ने दनकौर पुलिस को चकमा देकर भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी की। स्थानीय पुलिस की लापरवाही से आला अधिकारीनाराज हैं।
आसनसोल बंगाल के बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी रविवार को दोपहर बाद अपनी पत्नी चेताली तिवारी के दिल्ली स्थित फ्लैट से कार द्वारा आगरा को निकले थे। सूत्रों से जानकारी मिली है कि वह कई दिन से दिल्ली में थे। और सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दाखिल करने आए थे। सोमवार को इस प्रकरण पर सुनवाई होनी थी।
दिल्ली से पीछे लगी थी बंगाल पुलिस
उनके दिल्ली आगमन के साथ ही आसनसोल नॉर्थ थाने की पुलिस और दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग की टीम उनका पीछा कर रही थी। जैसे ही वह यमुना एक्सप्रेस वे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंचे तभी अचानक भाजपा नेता की कार के सामने कई कार लगाकर उन्हें रुकवाया गया और कार से उतारकर हिरासत में ले लिया गया।
इस तरह दिया पुलिस को चकमा
भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी को हिरासत में लेने के बाद सुनियोजित ढंग से बंगाल पुलिस ने दनकौर थाने में अपनी आमद कराई। जिससे यह रिकॉर्ड में आ सके कि गिरफ्तारी यूपी से हुई है। बंगाल पुलिस ने चालाकी से दनकौर पुलिस को यह चकमा दिया कि आमद पत्र में वांछित अभियुक्त और उसके स्थान/पते के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया। मात्र वास्ते अभियुक्त तलाशी आमद पत्र देकर उसे दनकौर पुलिस से रिसीव करा लिया। बंगाल पुलिस ने गिरफ्तारी की बात को भी आमद पत्र में छुपाए रखा। दनकौर पुलिस बंगाल पुलिस के इस षड्यंत्र को समझ नहीं पाई और रूटीन के अनुसार आमद पत्र रिसीव करके दे दिया। दनकौर पुलिस से आमद पत्र रिसीव करने के बाद बंगाल पुलिस भाजपा नेता को आनन-फानन में कार में बिठाकर दिल्ली एयरपोर्ट ले गई और वहां से देर रात दमदम एयरपोर्ट कोलकाता भाजपा नेता को फ्लाइट से ले जाया गया।
हिरासत में लिए गए भाजपा नेता के कोलकाता पहुंचने से पहले ही कोलकाता मीडिया द्वारा न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से भाजपा नेता की गिरफ्तारी की सूचना प्रसारित हो गई थी। इसके बाद नोएडा पुलिस को अपनी लापरवाही की जानकारी हुई और दनकौर थाने की पुलिस को जमकर फटकार लगाई गई।
ये था मामला
14 दिसंबर 2022 को आसनसोल में हुए एक घटना में भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी और उसके साथियों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप था। इस संबंध में कई लोगों की गिरफ्तारी पहले से ही हो चुकी है। उनकी पत्नी चेताली भी इस मामले में वांछित थीं। उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। जितेंद्र तिवारी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत लेने की फिराक में थे कि बंगाल पुलिस के सुनियोजित प्लान में फंस गए।
इस प्रकरण में आश्चर्यजनक बात तो यह रही कि दनकौर पुलिस और पुलिस कमिश्नरेट गौतम बुध नगर दनकौर से भाजपा नेता की गिरफ्तारी की पुष्टि भी नहीं कर पाई। उधर पूरे देश मे नेट मीडिया में गिरफ्तारी की सूचना जाहिर हो चुकी थी।