किशोरी का अपहरण कर करवा रहे थे देह व्यापार, दो नाबालिग समेत 5 पकड़े; मुख्य आरोपी की मां फरार
दिल्ली में पुलिस ने करीब एक महीने बाद किडनैपिंग के एक केस को सुलझा लिया है. ये मामला दिल्ली के नेब सराय थाना इलाके का है, जहां 15 साल की एक बच्ची को किडनैप कर लिया गया था. शिकायत के बाद जब थाना पुलिस किशोरी को नहीं ढूंढ पाई तो साउथ डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टाफ को जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद करीब 30 घंटे के भीतर किशोरी का पता लगाया गया और उसे ढूंढ लिया. जब पुलिस ने किशोरी से पूछताछ की तो सभी हैरान रह गए. उसने बताया कि पिछले कई दिनों से उससे देह व्यापार कराया जा रहा था.
प्रताड़ित करने के भी आरोप
आरोप है कि किशोरी को एक घर के अंदर बंधक बनाने के बाद उससे देह व्यापार कराया जा रहा था. किशोरी कहीं भाग ना जाए इसलिए उसके बाल भी काट दिए गए थे. इतना ही नहीं उसको अलग-अलग तरीके से प्रताड़ना भी दी गई थी. जब लोकल थाने की पुलिस ने इसमें कोई गंभीरता नहीं दिखाई तो स्पेशल स्टाफ को इस मामले की जांच दी गई. जिसके बाद इस किशोरी को मुक्त करा लिया गया है. बता दें कि किशोरी नेब सराय थाना क्षेत्र से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुई थी. पुलिस ने इस मामले में पोस्को एक्ट, रेप, इम्मोराल ट्रैफिकिंग एक्ट( देह व्यापार) की धाराएं भी जोड़ दी हैं.
5 आरोपियों को पकड़ा गया
साउथ डिस्ट्रिक्ट की डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि इस मामले में कृष्णा पार्क निवासी सोनू (32), शिव पार्क खानपुर निवासी बाबू मियां (50), संगम विहार निवासी आनंद कुमार जैन (58) को गिरफ्तार किया है. साथ ही दो नाबालिगों को भी पकड़ा गया है. अभी इस केस में पुलिस को कुछ महिलाओं व अन्य आरोपियों की भी तलाश है.
क्या है पूरा मामला
डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि संगम विहार निवासी एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी, जिसमें बताया गया कि उनकी 15 साल की नातिन 13 फरवरी की सुबह करीब साढ़े दस बजे से लापता है. शिकायत के आधार पर नेबसराय थाने में किडनैपिंग का केस दर्ज किया गया. लेकिन थाना पुलिस किशोरी के कोई सुराग नहीं तलाश पाई. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल स्टाफ को इस केस की जांच में 16 मार्च को सौंपी गई.
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी की टीम ने ग्राउंड इंटेलीजेंस और टैक्नीकल सर्विलांस की मदद से महज 30 घंटे के भीतर किडनैप लड़की को 17 मार्च को नयी बस्ती, देवली गांव एरिया रेस्क्यू करा लिया. बाद में इस लड़की को नेबसराय थाने के जांच अधिकारी के सुपुर्द कर दिया गया. किशोरी ने काउंसलिग के दौरान अपने साथ हुए अपराध के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद किडनैपिंग के इस केस में आईपीसी की धारा 323, 342, 370, 376, 506, 509, 34 और 6/17 पॉक्सो एक्ट, 5/6/आईटीपी एक्ट (देह व्यापार) आदि की धारा को भी शामिल कर लिया गया. लड़की को चाइल्ड वेल्फेयर कमिटी के सामने पेश कर सखी नाम के एक सेंटर में भेज दिया गया है. केस में पुलिस की इंवेस्टीगेशन अभी जारी है.
डीसीपी ने बताया कि जांच में ये भी पता चला है कि किशोरी को उसकी नानी ने डांटा था, क्योंकि वो मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त रहती थी. गुस्से में किशोरी रोते हुए घर से बाहर निकल गयी. रास्ते मे उसे एक किशोर मिला, जिसने लड़की को बातों में फंसा लिया. उसने लड़की से कहा कि तुम मेरे घर चलो जब तक तुम चाहो वहां रह सकती हो. लड़की उसके घर चली गयी. वहां सुमन नाम की एक महिला व 2 लड़कियां भी थीं. लड़की को परिवार जैसा माहौल महसूस हुआ. फिर उस किशोर ने किशोरी के साथ संबंध बनाए और उसे देहव्यापार में धकेल दिया गया.
किशोरी की नानी ने क्या कहा
इस मामले में पीड़ित लड़की की नानी ने बताया है कि उनकी नातिन के साथ न केवल गलत काम किया गया बल्कि उसके बाल भी काट दिए गए, जिससे वो उस कैदखाने से बाहर न निकल सके, जहां उसे बंधक बना कर रखा गया था. इतना ही नहीं उसे बेल्टों से मारा पीटा जाता था. उसके साथ रोज यौनाचार किया जाता था. किशोरी की नानी ने ये भी बताया कि पीड़ित नाबालिग लड़की सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा है.
पीड़ित की नानी के मुताबिक शुरू में लोकल पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की. कहीं से पता चलने पर वो एक पुलिस इंस्पेक्टर तक पहुंचीं, जिन्होंने उनकी पूरी बात सुनी और लड़की को कुछ ही घंटो के भीतर ढूंढ निकाला.