5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए मनीष सिसोदिया, जेल में गीता ले जाने की अनुमति
ईडी मामले में कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को पांच अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के निर्देश दिए। ईडी ने अदालत में कहा कि उनकी पूछताछ फिलहाल के लिए पूरी हो गई है। इसलिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसाेदिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। यदि आगे पूछताछ की जरुरत होगी तो वह दोबारा सिसोदिया को रिमांड पर लेने के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।
सिसोदिया ने कोर्ट से आग्रह किया कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकें ले जाने की अनुमति दी जाए। सीबीआई अब तक सिसोदिया से सात दिनों तक अपनी हिरासत में पूछताछ कर चुकी है। मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विशेष अदालत में कहा कि उनके खिलाफ सीबीआई के पास कोई साक्ष्य नहीं हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि ‘अब हिरासत में लेकर न तो उनसे पूछताछ की आवश्यकता है और न ही उनके विदेश भागने का कोई खतरा है। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष आप के वरिष्ठ नेता सिसादिया की ओर से पेश अधिवक्ता ने यह दलील दी।
धनशोधन मामले में जमानत याचिका पर ईडी से मांगा जवाब
आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में विशेष अदालत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने ईडी को मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च तक जवाब देने को कहा है। धशोधन के मामले में सिसोदिया फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। विशेष अैदालत ने 17 मार्च को सिसोदिया की हिरासत की अवधि पांच दिन यानी 22 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी। ईडी ने सिसोदिया को नौ मार्च को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था।