नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण में किसानों की जमीन और परिसंपत्तियों का मुआवजा एक साथ देने की तैयारी
आठ हजार किसानों को एक साथ मिलेगा जमीन और परिसंपत्तियों का मुआवजा
– एयरपोर्ट के दूसरा चरण के लिए अधिग्रहीत की जा रही जमीन पर बनीं परिसंपत्तियों के मूल्यांकन का काम 10 दिन में पूरा होगा
नंबर
4000 करोड़ का मिलेगा मुआवजा
6 गांवों के किसानों की जमीन होगी अधिग्रहीत
1181 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण
जेवर। नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए अधिग्रहीत की जा रही किसानों की जमीन और परिसंपत्तियों का मुआवजा एक साथ एक दिन में ही देने की तैयारी की जा रही है। किसानों की जमीन और उस पर बनीं परिसंपत्तियों के मूल्यांकन का काम तेजी से किया जा रहा है। पहले चरण में जमीन का मुआवजा सीधे किसानों के खाते में भेजा गया था। हालांकि उस पर बनीं सपंत्तियों के मुआवजे के वितरण में कुछ परेशानियां आईं थी। मामले में किसानों ने गंभीर आरोप लगाए थे। जिसे देखते हुए इस बार सरकार किसी भी स्तर पर चूक करने के मूड में नहीं है।
एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के दूसरे चरण में जेवर के रन्हेरा, दयानतपुर, कुरैब, बीरमपुर, मुढरह और करौली बांगर गांव के लगभग आठ हजार किसानों की 1181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। प्रशासन की तरफ से धारा-19 के नोटिफिकेशन के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक कभी भी धारा-19 का प्रकाशन हो सकता है। जिसके बाद प्रशासन को इस जमीन का अवार्ड घोषित करने उसपर आपत्तियां सुनने और उनके निस्तारण के लिए एक माह का समय लगेगा।
वहीं परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के काम को पूरा करने के लिए सभी छह गांव में 13 टीमें तैनात हैं। टीम में शामिल 83 कर्मी करीब 10 दिन में मूल्यांकन कार्य को पूरा कर लेंगे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद किसानों को सीधे उनके खाते में भूमि एवं परिसंपत्तियों का मुआवजा भेजा जाएगा। सरकार की इस बार मंशा है कि किसानों को अपनी जमीन और परिसंपत्तियों के प्रतिकर के लिए किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। संवाद
किसानों के विस्थापन की तैयारी पूरी
एयरपोर्ट के दूसरे चरण में प्रभावित होेने वाले चार गांवों में 12803 परिवारों के करीब 21461 लोग रहते हैं। प्रभावित परिवारों को विस्थापन के दौरान फलैदा कट व मॉडलपुर गांव पर विस्थापन के लिए जमीन चिह्नित की जा चुकी है। साथ ही इन परिवारों के घर मकान आदि परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कराने के साथ ही नियोजन राशि 5 लाख, जीवन निर्वाहन भत्ते के अलावा परिवहन खर्च आदि एक साथ दिए जाएंगे।
कैंप लगाकर पूरी कराई जायेगी प्रक्रिया
किसानों को तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक कागजों के लिए दौड़ लगाने से बचाने के लिए मुआवजा वितरण से पहले जरूरी कागजात की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए गांव में कैंप लगाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी प्रभावित किसान को मुआवजे के लिए कागजातों के लिए तहसील और जिला मुख्यालय के चक्कर नही लगाने होंगे। घर के पास ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रथम चरण में अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा सीधे किसानों के खाते में भेजा गया था लेकिन परिसंपत्तियों के मुआवजे में कुछ परेशानियां सामने आई थीं। उसी को देखते हुए इस बार किसानों की अधिग्रहित जमीन और परिसंपत्तियों के पैसे एक साथ ही सीधे किसानों के खाते में भेजे जाएंगे। दोनों मदों में करीब 4 हजार करोड़ रुपये का मुआवजा सीधे खाते में भेजा जाएगा। – अभय कुमार सिंह, जेवर उपजिलाधिकारी