अपराधदिल्ली/एनसीआरनई दिल्ली

‘कैदियों ने की आफताब के साथ मारपीट’, कोर्ट ने आरोपित की सुरक्षा बढ़ाने का दिया निर्देश

श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के साथ जेल में कैदियों ने मारपीट की है. आफताब के वकील ने दावा किया कि अदालत में पेश किए जाने के दौरान अन्य कैदियों ने आफताब के साथ मारपीट की. इसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार को अधिकारियों को आफताब की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. पूनावाला पर आरोप है कि उसने पिछले साल 18 मई को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉल्कर की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और फिर शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिए थे.

कोर्ट का आदेश

दिल्ली की साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) मनीषा खुराना कक्कड़ ने पूनावाला के खिलाफ आरोपों पर दलीलें सुनते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी किए. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि आरोपी को अदालत में पेशी के दौरान सुरक्षित रूप से पेश किया जाए.

मामले में अपनी दलीलें पूरी करने के बाद, दिल्ली पुलिस ने 20 मार्च को अदालत से कहा था कि ‘भरोसेमंद और पुख्ता सबूतों के माध्यम से सामने आईं आपत्तिजनक परिस्थितियां घटनाओं की एक श्रृंखला बनाती हैं.’ अदालत ने तब मामले को पूनावाला के वकील की दलील सुनने के लिए स्थगित कर दिया था.

3 अप्रैल को होगी सुनवाई

पूनावाला पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद और मधुकर पांडे पेश हुए. कार्यवाही के दौरान, पूनावाला के वकील ने धारा 201 का विरोध करते हुए इसके खिलाफ कई तर्क दिए. साकेत कोर्ट इस मामले में 3 अप्रैल को 2 बजे अगली सुनवाई करेगी.

पिछले साल की थी श्रद्धा की हत्या

पुलिस के मुताबिक मई में आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा वाकर का गला घोंट दिया था. फिर दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर पर लगभग तीन सप्ताह तक उसने लाश के टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा था. फिर कई दिनों तक वो लाश के टुकड़े शहर भर में फेंकता रहा था. पुलिस ने आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया था और पांच दिन की पुलिस हिरासत में लिया था. फिर 17 नवंबर को पांच दिनों के लिए उसकी पुलिस हिरासत बढ़ा दी गई थी. अदालत ने 26 नवंबर को उसे 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

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