दिल्ली-पंजाब के अपराधियों को हथियार सप्लाई करने वाला दबोचा, USA-दुबई में बैठे आकाओं के इशारों पर करता था काम
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग (Lawrence Bishnoi-Kala Jathedi Gang) को अवैध तरीके से हथियारों की सप्लाई करने वाले इंटरनेशनल अवैध हथियार सप्लायर (Illegal Arms Supplier Arrest) को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. आरोपी अवैध हथियारों की सप्लाई USA और दुबई में स्थित अपने हैंडलर्स के इशारे पर कर रहा था. स्पेशल ने आरोपी के पास से 25 पिस्टल और 50 कारतूस भी बरामद किए हैं. हथियार सप्लायर आरोपी की पहचान मुकंद सिंह के रूप में की गई है जोकि पंजाब का रहने वाला है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी को 24 मई को दिल्ली के सराय काले खां बस टर्मिनल के पास रिंग रोड से गिरफ्तार किया गया था जबकि उसके पास .32 बोर की 25 पिस्तौलें, दो अतिरिक्त मैगजीन और 50 जिंदा कारतूस भी थे. वह पिछले 6 महीने से दिल्ली और पंजाब के अपराधियों को अवैध हथियार कारतूस की सप्लाई कर रहा था.
सूत्र बताते हैं कि आरोपी मुकंद सिंह की करीब 2 साल पहले पंजाब के दिलप्रीत सिंह से पहचान हुई थी. करीब एक साल पहले दिलप्रीत सिंह अवैध रूप से अमेरिका चला गया था. लेकिन दोनों एक-दूसरे के संपर्क में रहे. मुकंद सिंह भी विदेश में बसना चाहता था. दिलप्रीत सिंह ने उसे बताया कि उसका पंजाब का सहयोगी मन्नू दुबई में ड्राइवर का काम करता है और दोनों भारत में अपने आपराधिक संपर्कों को अवैध हथियारों की सप्लाई में शामिल थे.
इसके अलावा उसने आसानी से पैसा कमाने के लिए मुकंद सिंह को इस अवैध व्यापार में शामिल होने का लालच दिया. दिलप्रीत सिंह ने उसे कुछ समय बाद दुबई में बसने में मदद करने की पेशकश भी की. मुकंद सिंह दिलप्रीत सिंह के लिए काम करने के लिए तैयार हो गया, जिसने उसे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित एक अवैध हथियार बनाने वाले की डिटेल दी.
इसी के अनुसार मुकंद सिंह ने बुरहानपुर से अवैध हथियार खरीदे और उन्हें इस साल की शुरुआत में दिलप्रीत सिंह और मन्नू के संपर्कों को सप्लाई किया. आरोपी ने खुलासा किया कि दिलप्रीत सिंह ने वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से उसे और एमपी स्थित हथियार सप्लायर डीलर को पैसे ट्रांसफर किए. जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि मुकंद सिंह ने एक बार दिलप्रीत सिंह को कोरियर से अफीम भिजवाई थी. आरोपी को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और इस नेटवर्क के सभी फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.