यमुना के जलस्तर ने खतरे के निशान को किया पार, बाढ़ के मुहाने पर राष्ट्रीय राजधानी
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. दिल्ली में यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है. यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे ब्रिज पर 205.40 मीटर पर पहुंच गया. इससे पहले सोमवार (10 जुलाई) को दोपहर एक बजे पुराने रेल ब्रिज पर जलस्तर 204.63 मीटर पर पहुंच गया. मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने का अनुमान है. दिल्ली सरकार अलर्ट मोड में है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह सोमवार सुबह पांच बजे से धीरे-धीरे बढ़कर 3,05,768 क्यूसेक हो गया. देर रात एक बजे यह घटकर 1,90,837 क्यूसेक रह गया था. आम तौर पर, बैराज पर पानी का प्रवाह 352 क्यूसेक रहता है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इसका प्रवाह बढ़ जाता है.
बैराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लग जाते हैं. दिल्ली सरकार ने रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की थी और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा था. केजरीवाल ने कहा कि नदी के 206 मीटर के निशान को पार करते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा. अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
रैपिड रिस्पॉन्स टीम और नौकाएं तैनात की गई हैं. दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. उत्तर पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘‘भारी से अत्यधिक भारी’’ वर्षा दर्ज की गई. इससे नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है. दिल्ली में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. भारी बारिश के कारण शहर के कई पार्कों, बाजारों आदि में जलभराव हो गया और सड़कों पर भारी जाम लग गया. दिल्ली सरकार ने मूसलाधार बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूलों के बंद रहने की घोषणा की थी और सरकारी अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया था. यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं. नदी का जलस्तर पिछले साल सितंबर में दो बार खतरे के निशान को पार गया था.