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रबूपुरा के भीखनपुर गांव में दलित की हत्या के बाद कोतवाली का घेराव 26 पर मुकदमा तीन आरोपी दबोचे दलित नेताओं ने की कार्रवाई की मांग

ग्रेटर नोएडा/ डॉ सतीश शर्मा जफराबादी। शुक्रवार सुबह रबूपुरा कोतवाली के भीकनपुर गांव में ट्रैक्टर निकालने के विवाद में दबंगों ने दलित पक्ष पर हमला कर दिया। आरोप है कि दबंगों ने जमकर लाठी, डंडों से पीटा। पथराव व फायरिंग की। फायरिंग में तीन लोग गोली लगने से घायल हो गए। घायलों में एक युवक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। वारदात के विरोध में ग्रामीणों ने कई घंटे कोतवाली के सामने हंगामा किया। पुलिस ने 14 नामजद और 12 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर नामजद तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक दलित युवक शीशपाल सुबह ट्रैक्टर लेकर अपने खेतों पर जा रहा था। आरोप है कि इसी दौरान गांव के कुछ दबंग लोगों ने रस्ते में रोककर उसके साथ गाली गलौज व मारपीट की। पीड़ित वहां से किसी तरह अपनी जान बचाकर घर लौटा और अपने परिजनों को जानकारी दी। जिसके बाद उसके पिता विजयपाल आरोपियों के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने लोहे की रॉड से वार कर उनका सिर फोड़ दिया। शोर शराबा सुनकर उन्हें बचाने पहुंचे अन्य लोगों पर भी आरोपियों ने हथियारों से हमला कर दिया। हमलावरों ने दलित पक्ष को लाठी डंडों से जमकर पीटा और पथराव किया। इस दौरान दबंगों द्वारा की गई गोलीबारी में कमल पुत्र श्यौराज, शनि पुत्र सतपाल व शरबती पत्नी सतपाल गोली लगने से घायल हो गए। विजयपाल, विवेक, शीशपाल आदि आधा दर्जन अन्य लोगों के भी चोटें आईं। बाद में अस्पताल ले जाते समय कमल(24) की मौत हो गई। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने रबूपुरा कोतवाली पर पांच छह घंटों तक जमकर हंगामा और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।

पहले भी हो चुकी है एक हत्या

भीकनपुर गांव में दलितों व आरोपी पक्ष के खिलाफ पिछले साल उस समय रंजिश पैदा हुई थी जब दलित पक्ष के ललित पुत्र लखपत की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने गांव के ही कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जोकि अभी भी जेल में हैं। बताया जाता है कि उस घटना के बाद इन दोनों पक्षों के बीच जातीय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जिसको लेकर कई बार दोनों पक्षों में मारपीट की घटना भी हुई। शुक्रवार को हुई घटना के पीछे भी यही विवाद बताया जा रहा है।

पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

कोतवाली पर हंगामा कर रहे दलित पक्ष के लोगों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गोलीबारी की सूचना पर पहुंची डायल 112 की गाड़ी ने दो हमलावरों को दबोच लिया था। लेकिन पुलिस ने दबंगों के साथ साठ गांठ के चलते उन्हें रास्ते से ही जाने दिया। इसके बाद जब पीड़ित पक्ष घायलों को लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस ने उन्हीं के ऊपर झगड़ा करने का आरोप लगाकर बदतमीजी की और तहरीर छीनकर फाड़ दी। आरोप है कि गोली लगने से घायल काफी देर तक कोतवाली में पड़े तड़फते रहे। लेकिन पुलिस मामले को दबाने में लगी थी। बाद में घायलों को अस्पताल ले जाते समय भी पुलिस ने उनके परिजनों को साथ ले जाने से मना करते हुए गाड़ी से उतार दिया। इस पर ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए खूब खरी खोटी सुनाई। ग्रामीणों के उग्र रूप को देखते हुए वहां मौजूद अधिकारी भी बैकफुट पर आ गए और उन्हें बार बार समझते रहे।
मुठभेड़ के बाद तीन आरोपी गिरफ्तार

आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया। इसके कुछ देर बाद ही पुलिस ने नामजद आरोपी नितिन त्यागी, निखिल त्यागी समेत तीन को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने एक बयान जारी कर बताया कि नामजद अन्य आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है और जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

बसपा सुप्रीमो और दलित नेता चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कार्रवाई मांग की
भीकनपुर गांव की घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया। उन्होंने घटना के प्रति दुख जताते हुए इसकी निंदा की। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार की मदद की मांग सरकार से की। दलित नेता चंद्रशेखर ने भी इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।

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