जेवर में चार करोड का भूमि घोटाला करने के प्रयास में लेखपाल, तीन अधिवक्ताओं व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
जेवर। यमुना प्राधिकरण से चार करोड़ का मुआवजा प्राप्त करने के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा की शिकायत पर लेखपाल धीरेंद्र सिंह, सीएसबी बैंक अशोक विहार शाखा के प्रबंधक और तीन वकीलों देवेंद्र कुमार, बलराम व विनोद पर केस दर्ज किया गया है। आरोपियों ने मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए अधिगृहीत की जाने वाली 13,880 वर्गमीटर जमीन की फर्जी पत्रावली पेश कर चार करोड़ के मुआवजे का दावा किया था। सार्वजनिक सूचना प्रकाशित होने पर मामले का खुलासा हुआ था। अमर उजाला ने पूरे प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
पुलिस को दी शिकायत में राजस्व निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा ने कहा है कि रबूपुरा के खाता संख्या 93 के गाटा संख्या 1495 की 13880 वर्गमीटर जमीन ओमवती पत्नी सौराज के नाम दर्ज है। यीडा आपसी सहमति के आधार पर लगभग 4 करोड़ मुआवजा देकर मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए इसे खरीदना चाहता था। कुछ लोगों ने भू स्वामी के फर्जी दस्तावेज, फोटो व बैक खाते की कॉपी समेत पूरी पत्रावली यमुना प्राधिकरण के कार्यालय में प्रस्तुत कर दी। प्राधिकरण ने पत्रावली के आधार पर आपसी सहमति के आधार पर जमीन क्रय किए जाने के लिए अमर उजाला में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करा दी। अखबार में किसान ने जब अपनी जमीन के आपसी सहमति से खरीदे जाने की सूचना पढ़ी तो उन्होंने प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति लगाई। साथ ही फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जिसके बाद जांच जेवर तहसीलदार वेद प्रकाश पांडेय को सौंपी गई। उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल से स्पष्टीकरण मांगा गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह ने नायब तहसीलदार जेवर को दिए विभागीय कार्रवाई के साथ ही प्रकरण की जांच के आदेश दिए। जांच में सामने आया कि क्षेत्रीय लेखपाल धीरेंद्र सिंह ने भू-माफिया के साथ मिलकर गलत तरीके से पत्रावली का सत्यापन किया। शपथ प़त्र को बलराम सिंह एडवोकेट ने मुहर लगाते हुए नोटेरी किया। जेवर के मंगरौली निवासी विनोद कुमार एडवोकेट ने तहसील लिपिक कार्यालय से पत्रावली को फर्जी किसान की तरफ से अपने हस्ताक्षर करते हुए प्राप्त किया गया। वही बैंक प्रबंधक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली की अशोक विहार शाखा के सीएसबी बैंक में खाता खोलते हुए पासबुक जारी की गई। राजस्व निरीक्षक ने बताया कि सभी आरोपियों ने आपराधिक षडयंत्र पूर्वक फर्जीवाड़ा व ठगी की नियत से जमीन को फर्जी तरीके से कुछ अन्य अज्ञात भू माफिया के साथ मिलकर बेचने का प्रयास किया गया था।