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Land For Job Case: कोर्ट से CBI को मिला सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने का समय, एक जून को होगी अगली सुनवाई

लालू एंड फैमिली से संबंधित लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा गया है। सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इसकी सुनवाई की तारीख निर्धारित थी। आज की सुनवाई कोर्ट की ओर से टाल दी गई। अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर कर दी गई है। अब 1 जून को मामले की सुनवाई कोर्ट में की जाएगी।

कोर्ट में लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती पेशी के लिए पहुंच गई थी । इस केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के कई फंसे हुए हैं। उनपर पिता के साथ मिलकर नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का आरोप है। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस मामले में कई बार जांच एजेंसियों के सवालों का सामना कर चुके हैं।

रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लाभुकों से जमीन लेने का आरोप लगाया गया। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद लालू यादव,राबड़ी देवी,  मीसा भारती, तेजस्वी प्रसाद यादव समेत लालू की अन्य बेटियों से सीबीआई और इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने पूछताछ की। सोमवार को लैंड फ़ॉर जॉब केस में दिल्ली के राउज रेवेन्यू कोर्ट में सुनवाई की तारीख रखी गई थी।

सोमवार को सीबीआई ने कोर्ट के सामने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की अपनी मांग रखी। जांच एजेंसी की ओर से  इसके लिए समय की भी मांग की गई। इसे देखते हुए कोर्ट ने सुनवाई टाल दिया।  सीबीआई को पूरक चार्जशीट दाखिल करने का मौका दिया गया है।  अब मामले की सुनवाई 1 जून को होगी।

लालू यादव की बेटी मीसा भारती इस मामले में निर्धारित डेट पर हाजिर हुईं। सुनवाई टल जाने से मीसा लौट गई। वह पहले भी इस प्रकरण में कोर्ट में हाजिर हो चुकी हैं। सुनवाई टल जाने से उन्हें 1 जून को फिर से कोर्ट में हाजिरी के लिए आना पड़ सकता है। उनसे सीबीआई और ईडी पूछताछ कर चुकी है।

बता दें कि मनमोहन सिंह सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहते कई लोगों को नियम कानून को ताक पर रखकर नौकरी दी गई। बताया गया कि बगैर विज्ञापन निकाले फोर्थ ग्रेड में सीधे बहाली कर दी गई। विपक्षी दलों ने लालू यादव पर नौकरी पाने वालों से जमीन लिखवा कर अवैध तरीके से नौकरी देने का आरोप लगाया। मामले में सीबीआई जांच के बाद लालू यादव समेत परिवार के कई सदस्यों को इस कांड में अभियुक्त बनाया गया। परिवार के सदस्यों के नाम से नौकरी पाने वाले या उनके संबंधियों से जमीन की रजिस्ट्री कराई गई थी।

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