शरजील इमाम सहित अन्य को बरी करने के फैसले के खिलाफ HC पहुंची दिल्ली पुलिस, 13 को होगी सुनवाई
जामिया यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में शरजील इमाम समेत 11 आरोपियों को बरी करने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार है. दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा ज़ारगर, आसिफ इकबाल तन्हा और 8 को बरी करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने के दिल्ली पुलिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया.
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका की मेंशनिंग की थी, उन्होंने कोर्ट को बताया कि रजिस्ट्री ने आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने 13 फरवरी यानि सोमवार को मामले की सुनवाई के लिए अनुमति दे दी.
क्या था दिल्ली साकेत कोर्ट का फैसला
दरअसल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में बीते शनिवार 4 फरवरी को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम समेत 11 आरोपियों को मामले में को आरोप मुक्त कर दिया था. फैसला सुनाते वक्त साकेत कोर्ट के एडिशनल सेशन जज अरुल वर्मा ने अपने दिल्ली पुलिस के खिलाफ कुछ बेहद कड़ी टिप्पणियां की थीं और कहा था कि भीड़ ने उस दिन तबाही और व्यवधान पैदा किया, लेकिन पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ने में विफल रही और इमाम, तन्हा, जरगर और अन्य को “बलि का बकरा” बनाया. हालांकि कोर्ट ने एक आरोपी मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय किए थे.
दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई थी हिंसा
आपको बता दें, कि यह मामला दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में और उसके आसपास हुई हिंसा से संबंधित है, जब कुछ छात्रों और स्थानीय लोगों ने घोषणा की कि वे नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के विरोध में संसद की ओर विरोध मार्च निकालेंगे. हालाँकि, विरोध ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया, और जैसे ही पुलिस ने उन्हें शांत करने के लिए बल प्रयोग किया, कुछ विरोध करने वाले छात्र कथित तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में घुस गए थे.
दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में 12 लोगों को बनाया आरोपी
दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाते हुए दंगा और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था, मामले पर विचार करने के बाद कोर्ट ने 11 आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया था, जिनमें शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा, सफूरा ज़ारगर के अलावा, मोहम्मद अबूजर, उमीर अहमद, मोहम्मद शोएब, महमूद अनवर, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद बिलाल नदेम, शाहजर रजा खान और चंदा यादव शामिल हैं.