यूपी में बिजली की हर यूनिट एक रुपये तक होगी महंगी! इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। घरेलू बिजली 56 पैसे प्रति यूनिट तक और महंगी हो सकती है। दुकान (वाणिज्यिक) की बिजली के लिए 87 पैसे और उद्योगों के लिए 74 पैसे प्रति यूनिट और देने पड़ सकते हैं। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन, बिजली महंगी कर उपभोक्ताओं से 1437 करोड़ रुपये वसूलना चाहता है।
इस संबंध में कॉरपोरेशन प्रबंधन ने बुधवार रात गुपचुप तरीके से उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। प्रस्ताव की भनक लगने पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी आयोग में लोक महत्व याचिका दाखिल कर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए उसे खारिज करने की मांग की है।
वित्तीय संकट से जूझ रहा कॉरपोरेशन प्रबंधन किसी तरह बिजली महंगी करने में लगा हुआ है।
कॉरपोरेशन द्वारा पूर्व में ही बिजली की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया गया था लेकिन आयोग ने प्रस्ताव को न मानते हुए लगातार चौथे वर्ष भी बिजली की दरें यथावत रखने का हाल ही में निर्णय सुनाया था। अब कारपोरेशन ने जनवरी, फरवरी व मार्च की चौथी तिमाही के लिए फ्यूल सरचार्ज के मद में 61 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार औसत बिलिंग दर के जरिए 28 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है।
वैसे तो फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव पहले भी कॉरपोरेशन ने आयोग को सौंपा था लेकिन आयोग ने उसे खारिज कर दिया था। एक जनवरी 2020 को फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने का पहली बार आदेश भी हो गया था लेकिन अगले ही दिन आयोग ने उस पर रोक लगा थी।
सस्ती हो 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली फ्यूल सरचार्ज के एवज में पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा गुरुवार को आयोग में दाखिल याचिका में कहा गया है कि कानूनन 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती होनी चाहिए। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कॉरपोरेशन के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए उसे आयोग की अवमानना बताया है।
वर्मा का कहना है कि आयोग ने जून 2020 में इस संबंध में कानून बनाया था जिसे कारपोरेशन प्रबंधन ने दरकिनार कर मनमाने तरीके से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है। वर्मा ने आयोग से प्रस्ताव को तत्काल खारिज करने की मांग की है।
परिषद अध्यक्ष का कहना है कि जब उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड सरप्लस निकल रहा है तब फिर इस तरह के प्रस्ताव तो खारिज ही होना चाहिए।
उपभोक्ताओं की श्रेणी- प्रस्तावित फ्यूल सरचार्ज (प्रति यूनिट) घरेलू (बीपीएल) – 28 पैसे घरेलू (सामान्य) – 44 से 56 पैसे वाणिज्यिक(दुकान) – 49 से 87 पैसे किसान(निजी ट्यूबवेल) – 19 से 52 पैसे लघु व मध्यम उद्योग – 67-74 पैसे बड़े व भारी उधोग – 54 से 64 पैसे रेलवे ट्रैक्शन 71-85 पैसे नान इंडस्ट्रियल बल्कलोड -76 पैसे-1.09 रुपये