दस दिन में 40 करोड़ की ठगी, विदेश से जुड़े तार; एप पर रुपये जमाकर मुनाफा कमाने का दिया जा रहा था झांसा
दिल्ली पुलिस ने इन्वेस्टमेंट के बदले अच्छे रिटर्न का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस का दावा है कि ये गैंग अलग-अलग मोबाइल ऐप के जरिये लोगों से छोटी-छोटी रकम लगवाता था. साथ ही प्रतिदिन के हिसाब से 10% का रिटर्न देता था. लेकिन जैसे ही कोई व्यक्ति थोड़ी बड़ी रकम इन्वेस्ट करता, तो ऐप पर उसके प्रोफाइल को लॉक कर दिया जाता था.
दिल्ली के आउटर जिले के डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के साइबर सेल को ठगी की एक शिकायत मिली थी. इसमें कहा गया कि मोबाइल ऐप “जीडी फण्ड एप्लीकेशन” के माध्यम से इन्वेस्टमेंट पर प्रतिदिन 10 प्रतिशत रिटर्न का दावा किया जा रहा है. इसी बीच पुलिस के पास प्रकाश नाम के शख्स ने सम्पर्क करते हुए बताया कि उक्त ऐप ने रिटर्न के नाम पर शुरुआत में उसकी रकम पर पैसे दिए.
जैसे ही उसने 20 हजार से ज्यादा की रकम इन्वेस्ट की, उसका ऐप एकाउंट ब्लॉक हो गया. उसे जिस व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया था, वो भी निष्क्रिय हो गया. पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच की. ऐप के जिस बैंक एकाउंट में शिकायतकर्ता ने रकम जमा कराई थी, जब उसकी जांच की गई तो पता चला कि पिछले 10 दिनों में इस बैंक एकाउंट में 40 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं, जो अलग-अलग लोगों ने जमा कराए हैं.
गैंग के एकाउंट ऑपरेट हुआ गिरफ्तार
एसीपी अरुण चौधरी की देखरेख में इस गिरोह को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई. साइबर सेल थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर संदीप पंवार ने जांच को आगे बढ़ाते हुए अक्षय संजय धानुका नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया. संजय ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि वो महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है. पुलिस ने कहा, संजय इस बैंक एकाउंट को ऑपरेट कर रहा था. बदले में उसे पैसे मिलते थे. पुलिस का कहना है कि इस गैंग के मुखिया का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
कई एप से की जा रही ठगी, पुलिस ने की अपील
पुलिस का कहना है कि ये गैंग एक नहीं बल्कि कई ऐप चला रहा है. लोगों को झांसे में लेने के लिए ये गैंग हर इन्वेस्टमेंट पर 10 प्रतिशत रिटर्न देने का वादा करता है. शुरुआत में प्रतिदिन के इन्वेस्टमेंट पर 10% रिटर्न दिया जाता है. पैसा बैंक एकाउंट में ही जमा करवाया जाता और रिटर्न भी निवेशकों के बैंक एकाउंट में ही लौटाया जाता है. एक बार निवेशक को विश्वास होने पर वो थोड़ी बड़ी रकम जमा करवाता था. बस इसके बाद ही उसका पैसा हड़प लिया जाता था. पुलिस का कहना है कि ऐसे ही कुछ ऐप प्ले स्टोर पर सक्रिय हैं, जिन्हें बन्द करने के लिए गूगल को लेटर लिखा गया है.