Rupay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI इस्तेमाल करने वालों के लिए Good News, सरकार ने दिया 2600 करोड़ का इंसेंटिव
नई दिल्ली। लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 2600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी। यह योजना रूपे डेबिट कार्ड और छोटे लेन-देन वाले भीम-यूपीआइ को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। इसके तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में ई-कामर्स लेन-देन तथा प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी। सरकार का दृष्टिकोण यह है कि 2600 करोड़ रुपये की सहायता से एक मजबूत डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम बनाने में काफी मदद मिलेगी, जो कि आज के दौर में बहुत आवश्यक है।
कैबिनेट के फैसले में कहा गया है कि यह योजना यूपीआइ लाइट और यूपीआइ123 पे को भी किफायती तथा यूजर्स फ्रेंडली डिजिटल पेमेंट के माध्यमों के रूप में बढ़ावा देगी। मोदी सरकार नकद लेन-देन के चलन को सीमित करने के लिए लंबे समय से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और इस क्रम में रूप डेबिट कार्ड और भीम यूपीआइ की शुरुआत समेत कई उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं।
क्या है सरकार की योजना
सरकार ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 2,600 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय वाली इस योजना को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा कि रुपे डेबिट कार्ड के इस्तेमाल और कम मूल्य के व्यक्ति से व्यापारी भीम-यूपीआई लेनदेन पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत बैंकों को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
लगातार बढ़ रहा डिजिटल भुगतान का दायरा
यह योजना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने पिछले बजट भाषण में “डिजिटल भुगतान के लिए वित्तीय सहायता जारी रखने” की सरकार की मंशा को दोहराते हुए की गई घोषणा के अनुरूप भी है। डिजिटल भुगतान लेन-देन देश में लगातार आगे बढ़ रहा है। यूपीआई ने दिसंबर 2022 के महीने में 12.82 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ 782.9 करोड़ डिजिटल भुगतान लेन-देन का रिकॉर्ड हासिल किया है।
कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन में 59 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 5,554 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 8,840 करोड़ हो गया है। BHIM-UPI लेनदेन ने एक साल-दर-साल दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2020-21 में 2,233 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 4,597 करोड़ हो गया।