प्रति परिवार डेढ़ लाख रुपये मुआवजा देगी सरकार लेकिन प्रभावित इसके लिए तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के साथ एक घंटे तक चली बैठक में व्यापारियों और प्रभावितों ने अपनी बात रखी। नुकसान के आकलन के अनुसार वास्तविक क्षति की पूर्ति के बराबर राशि दरकार की है। कुछ व्यापारियों ने सेटलमेंट की बात का है।
बुधवार को स्थानीय प्रशासन और लोगों के बीच बैठक के बाद सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रेस वार्ता करते हुए जोशीमठ आपदा को लेकर स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से 1.50लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी।
सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए है उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है, क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है।
भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर डेढ़ लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें 50 हजार रुपये घर शिफ्ट करने और 1 लाख रुपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते है उन्हें 6 महीने तक 4 हजार रूपये प्रतिमाह दिए जा रहे है। इससे पूर्व उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भूधंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए है उन्हें मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।