इन 3 स्थितियों में नहीं मिलेगा HRA, हाउस रेंट अलाउंस के नियमों में इस साल हुआ बड़ा बदलाव
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग (DoE) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के नियमों को अपडेट किया है। अपडेटेड नियमों के अनुसार, कुछ मामलों में सरकारी कर्मचारी एचआरए के लिए पात्र नहीं होंगे।
आइए जानते हैं, नियमों में क्या बदलाव हुआ है।
क्या हैं House Rent Allowance (HRA) की शर्तें :
- यदि कर्मचारी किसी अन्य सरकारी कर्मचारी को आवंटित सरकारी आवास साझा करता है।
- यदि वह इनमें से किसी के द्वारा अपने माता-पिता/पुत्र/पुत्री को आवंटित आवास में रहता/रहती है। इसमें केंद्र/राज्य सरकार, स्वायत्त सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और अर्ध-सरकारी संगठन (नगर पालिका, पोर्ट ट्रस्ट, राष्ट्रीयकृत बैंक, एलआईसी) आदि शामिल हैं।
- यदि किसी सरकारी सेवक के पति/पत्नी को सरकारी सेवक के रूप में एक ही स्टेशन में उपरोक्त किसी भी संस्था द्वारा आवास दिया गया है, और अगर कर्मचारी उस आवास में रहता है, या अलग से किराए पर रहता है।
मकान किराया भत्ता
- यह वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है जो किराए के घरों में रहते हैं। यह क्लॉज ऐसे आवास से संबंधित खर्चों के लिए है। यह तीन श्रेणियों में विभाजित है: X, Y और Z।
- ‘X’ 50 लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों के लिए है। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिश के अनुसार यहां एचआरए 24% दिया जाता है।
- ‘Y’ 5 लाख से 50 लाख के बीच आबादी वाले क्षेत्रों के लिए है। यह 16% पर दिया जाता है।
- ‘Z’ उन शहरों में दिया जाता है, जहां जनसंख्या 5 लाख से कम हो। यह 8% पर दिया जाता है।
हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) क्या है
हाउस रेंट अलाउंस उन सैलरीड कर्मचारियों को दिया जाता है, जो किराये के घर में रहते हैं। वेतनभोगी व्यक्ति, जो किराए के घरों में रहते हैं, अपने करों को आंशिक या पूर्ण रूप से कम करने के लिए हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) का दावा कर सकते हैं। यह भत्ता किराए के आवास से संबंधित खर्चों के लिए है। यदि आप किराए के आवास में नहीं रहते हैं, तो यह भत्ता पूरी तरह से कर योग्य है। यानी तब इस पर आपको कर देना होगा।