जेपी कंपनी डिफाल्टर 20 हजार खरीदार फंसे
नोएडा। उत्तर भारत की जानी-मानी बिल्डर कंपनी जेपी समूह से जुड़ी जेपी एसोसिएट 4059 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने पर डिफॉल्टर हो गई। इस कंपनी के डिफॉल्टर होने से 20 हजार खरीदार भारी मुश्किल में आ गए। आईसीआईसीआई बैंक ने सितंबर 2018 में जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड दिवालिया घोषित करने की याचिका दी थी, यह मामला एनसीएलटी में लंबित है। जेपी इंफ्राटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जून 2021 में सुरक्षा एजेंसी चुनी गई थी।जेपी एसोसिएट ने एनसीएलटी में आपत्तियां लगाई थीं, जिसमें यह कहा गया है सुरक्षा एजेंसी के प्रस्ताव के अनुसार तीन साल में अधूरी परियोजनाएं पूरे करने का जो प्रस्ताव है। वह व्यावहारिक नहीं है। फंड की उपलब्धता न होने को लेकर जेपी एसोसिएट्स ने सवाल खड़े किए थे। आपत्तियों पर 14 नवंबर को सुनवाई हो चुकी है और फैसला रिजर्व कर दिया गया था। जेपी एसोसिएट और इंफ्राटेक में खरीदारों ने 13 साल पहले तक बुकिंग कराई थी, लेकिन अभी तक घर का इंतजार है। सेक्टर-128 में जेपी एसोसिएट ने परियोजना लॉन्च की थी, जबकि अन्य सेक्टर-129, 130, 131 आदि सेक्टरों में इंफ्राटेक की परियोजनाएं हैं। एसोसिएट के डिफाल्टर होने का असर इंफ्राटेक पर शायद नहीं पड़ेगा। जेपी समूह ने नोएडा के अलावा ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में भी अलग-अलग परियोजनाओं के लिए जमीन ले रखी हैं।