दिल्ली/एनसीआरनई दिल्ली

‘बनेगा पकौड़ा बनेगी चाय, स्कूल-अस्पताल भाड़ में जाए…’, विधानसभा में केजरीवाल ने सुनाई कविता

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में बीजेपी पर तंज करते हुए मैं अभी वित्त मंत्री और बीजेपी वालों की चर्चा सुन रहा था. शिक्षा मंत्री आतिशी से निवेदन करूंगा कि एडल्ट लिटरेसी प्रोग्राम की भी व्यवस्था करें. दिल्ली मॉडल एक पढ़ी लिखी सरकार, सबके विकास, जीरो करप्शन, महंगाई से निजात, फ्री बिजली, फ्री पानी, सबके लिए स्वास्थ्य का मॉडल है. पहले दिल्ली सीडब्ल्यूजी घोटाले के लिए जानी जाती थी, लेकिन आज स्कूलों के लिए जानी जाती है. इन लोगों ने हजारों करोड़ खर्च कर दिए घोटाले साबित करने के लिए, लेकिन जनता मान नहीं रही. जो काम 65 साल में हुए उससे डबल काम हमने आठ साल में कर दिए.

इतना ही नहीं दिल्ली सीएम ने सदन में बीजेपी पर निशाना साधते हुए एक नारा बताते हुए कहा कि मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि यह सब काम हो रहा है, क्योंकि पढ़ी-लिखी सरकार है, एक अनपढ़ सरकार भी है जिसका नारा है कि घर-घर नाली घर-घर गैस, जिसकी लाठी उसकी भैंस…बनेगा पकौड़ा बनेगी चाय, स्कूल अस्पताल भाड़ में जाए…आम आदमी से मन की बात, अपने भाई से धन की बात… वाह रे! शासन तेरा खेल, ईमानदार को हो गई जेल.

पेंडिंग प्रोजेक्ट हमने किए पूरे

आगे केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य का काम तो सबको पता है, तो आज मैं उन पर बात नहीं करूंगा. दिल्ली में सब फ्री है उसके बावजूद बजट मुनाफे में है. हम सरकार में आए तो बहुत प्रोजेक्ट पेंडिंग थे. 1998 से 2015 तक 193 KM मेट्रो बनी और 2015 से 23 तक 390 KM मेट्रो बनी. केजरीवाल ने आगे कहा कि सब आपने (बीजेपी) ही किया. इस सृष्टि की रचना ही 2014 में हुई थी. हम तो जो भी काम करते हैं, उनका (पीएम मोदी) नाम लेकर करते हैं. दिल्ली चुनिंदा शहरों में है, जहां महिलाओं का सफर बसों में मुफ्त है, तीन साल में 100 करोड़ से ज्यादा बार महिलाओं ने मुफ्त में यात्रा की है. आज दिल्ली देश का ईवी कैपिटल है.

केजरीवाल ने बताए आगे के प्लान

केजरीवाल ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट देने के लिए यह सबसे बेहतर बजट है. इसके लिए करीब 21 हज़ार करोड़ का बजट है. पीडब्ल्यूडी की सड़कों के ब्यूटीफिकेशन के लिए काम किया जाएगा, मैकेनिकल स्वीपिंग होगी. एक साल में कोई गड्ढा नहीं दिखेगा. हमने 28 फ्लाईओवर बना दिए, 29 और बनाने जा रहे हैं. तीन डबल डेकर फ्लाईओवर बन रहे हैं. 2025 तक 10 हज़ार से ज़्यादा बसें होंगी इनमें से 80 फ़ीसदी इलेक्ट्रिक होंगी, 57 डिपो को इलेक्ट्रिक बनाया जा रहा है, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मोहल्ला बसें चलाई जा रही हैं. इस साल 1317 कच्ची कॉलोनियों ने सीवर कनेक्शन डालेंगे.

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