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आशिक भी चाहिए था और बीमा की रकम भी… पत्नी ने अपने पति को ही मरवा डाला

अमरोहा: ढवारसी के ट्रक चालक हत्याकांड का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। अवैध संबंधों में रोड़ा बनने पर पत्नी ने ही प्रेमी से मिलकर पति की हत्या कराने की योजना बनाई थी। दो लाख की सुपारी तय करके तीन लोगों ने पचास हजार एडवांस लेकर हत्या की थी। डेढ़ लाख रुपये हत्या के बाद देने तय हुए थे। रविवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिषेक कुमार यादव ने अपने कार्यालय में पूरे मामले का राजफाश किया।

आदमपुर थाना क्षेत्र के कस्बा ढवारसी निवासी ट्रक चालक कुलदीप शर्मा का नौ जनवरी को ढवारसी के नजदीक सड़क पर शव पड़ा मिला था। पुलिस ने सड़क हादसे में मृत्यु मानते हुए कार्रवाई की थी लेकिन, बाद में मुकदमे को हत्या में तरमीम किया गया था। सीओ ने बताया कि कुलदीप ढवारसी में गैस एजेंसी स्वामी नरेंद्र सिंह की चार साल पहले गाड़ी चलाता था।

इस दौरान कुलदीप की पत्नी लता शर्मा के नरेंद्र से अवैध संबंध हो गए थे। अवैध संबंधों का पता चलने पर कुलदीप पत्नी के साथ अक्सर मारपीट करता था। अवैध संबंधों में रोड़ा बनने पर लता शर्मा और नरेंद्र सिंह ने मिलकर हत्या की योजना बनाई। उन्होंने पहले कपिल नागर से एक लाख रुपये में हत्या कराने की बात तय की लेकिन, वह अकेला हत्या नहीं कर सका।

ट्रक खरीदने के बहाने घर से भेजा था

इसके बाद ऋषिपाल व विजय से दो लाख रुपये में हत्या की बात तय हुई। जिसमें पचास हजार रुपये एडवांस दिए गए। नौ जनवरी को लता शर्मा ने पति को ट्रक खरीदने के बहाने घर से भेजा। रास्ते में मिला ऋषिपाल उसे विजय की कार में बैठाकर उझारी ले गया। उझारी में कपिल भी उन्हें मिल गया। पहले ट्रक देखने के बहाने चारों गजरौला गए।

हादसे का रूप देने के लिए सड़क पर डाल दिया था शव

गजरौला से वापस होकर उझारी में सभी ने शराब पी। नशा होने पर कार से ढवारसी के लिए चल दिए तथा कुआडाली से ऋषिपाल कार को सैदनगली जाने वाले मार्ग पर ले गया। रास्ते में नशे की हालत में कुलदीप को तीनों आरोपितों ने सड़क पर डालकर कई बार कार तथा बाइक चढ़ाकर मार डाला। इसके बाद हादसे का रूप देने के लिए कार से शव ले जाकर ढवारसी के पास सड़क पर डाल दिया।

आरोपितों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

पुलिस ने हत्यारोपित पत्नी लता शर्मा व नरेंद्र सिंह निवासी ढवारसी, कपिल नागर निवासी तरौली थाना रहरा तथा ऋषिपाल निवासी दरियापुर तुगन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि गिरफ्तारी से बचने के लिए विजय निवासी कासमपुर जनूबी ने न्यायालय में समर्पण कर दिया है।

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