ट्रैक्टर के पैसे न देने पड़े इसलिए शुभम मिश्रा ने की थी लेखपाल की हत्या
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में महिला चकबंदी लेखपाल हत्याकांड में 48 घंटे के भीतर ही बड़ा खुलासा किया है. लेखपाल को ट्रैक्टर के किराए की रकम न चुका पाने के कारण स्थानीय युवक ने चार साथियों संग मिलकर मार डाला. पहले उसने लेखपाल को चित्रकूट के भगवान कामतानाथ के दर्शन कराने के बहाने बुलाया, उसके बाद कार में ही रास्ते में तमंचे की बट से सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पिपरी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि 7 जनवरी की शाम चायल तहसील गेट से एक लाल रंग की कार में बैठकर मखऊपुर मोड़ की तरफ निकली थीं. रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी लाल रंग की कार नजर आई. छानबीन में पता चला कि कार शुभम मिश्रा की है. पुलिस ने उसको हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की.
ट्रैक्टर किराए से बचने के लिए मार डाला
आरोपी शुभम ने कबूला कि ट्रैक्टर किराए पर लिया था और इसी ट्रैक्टर के कागजात लेने के लिए महिला लेखपाल के पास 7 जनवरी को तहसील गया था. इस ट्रैक्टर के बदले हर महीने उसे लेखपाल को 25 हजार रुपए का किराए के देने थे. कुछ महीनों से किराए की रकम नहीं दे पा रहा था, जिसके कारण शुभम के ऊपर बकाया बढ़ता जा रहा था. दूसरी तरफ, महिला लेखपाल ट्रैक्टर वापस लेने का दबाव बना रही थी, जिससे शुभम परेशान रहता था. आरोपी शुभम ने यह भी बताया कि महिला लेखपाल को कामतानाथ चित्रकूट दर्शन कराने के बहाने बुलाया और हत्या कर दी. उसके इस काम में विक्रम सिंह, आशीष पासी, मुनील पासी ने साथ दिया.
बेटे ने लिखाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
महिला लेखपाल के गायब होने पर उसके बेटे ने पिपरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अगले दिन राजापुर थाना क्षेत्र में लेखपाल का लहूलुहान शव बरामद हुआ. जिसकी पहचान महिला लेखपाल के रूप में हुई. हत्याकांड में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हत्यारों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही है.