Greater Noida: जमीन की खरीद फरोख्त में स्टांप शुल्क का नहीं हुआ भुगतान, यमुना प्राधिकरण ने लिखा पत्र
ग्रेटर नोएडा। नोएडा के सेक्टर-128 स्थित 73 एकड़ जमीन को बिना अनुमति के दूसरी कंपनी को बेचने के मामले में यमुना प्राधिकरण ने बीटा-दो कोतवाली को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। वहीं, जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि करीब 1.20 करोड़ रुपये के स्टांप चोरी की गई है।
प्राधिकरण का कहना कि जमीन बेचने की जानकारी न तो उनको दी और न ही जेपी इंफ्राटेक को दी है। अब इससे संबंधित कंपनियों के खिलाफ प्राधिकरण और जेपी इंफ्राटेक कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। उधर, खरीदार बिल्डर ने बिना यूपी रेरा में पंजीकरण कराए ही फ्लैट की बुकिंग शुरू कर दी थी। इससे खरीदारों को फंसाने का खेल शुरू कर दिया था। दरअसल, जेपी ने 73 एकड़ भूमि कदम ग्रुप को सेक्टर-128 में दी थी। इसमें जेपी को किसी भी कंपनी को एक बार ट्रांसफर करने की छूट दी गई थी। मगर इसमें टीएम पर लगने वाले शुल्क पर ही छूट थी। बाकी किसी अन्य शर्त पर कोई समझौता नहीं किया गया था। जेपी ने कदम समूह को 73 एकड़ जमीन बेच दी थी और यह ग्रुप शिप्रा का सहयोगी है। शिप्रा ने इंडिया बुल्स फाइनेंस कंपनी को से कुछ ऋण लिया था और अपने शेयर उसके पास रखे थे। मगर जब राशि जमा नहीं की तो इंडिया बुल्स ने उक्त भूमि को एमथ्रीएम कंपनी को बेच दी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि भूमि का दो बार गलत प्रयोग किया गया। पहला शिप्रा ने इंडिया बुल्स को और दूसरा एमथ्रीएम को बेचा गया। इससे यमुना प्राधिकरण को ट्रांसफर शुल्क के नाम पर मिलने वाली 210 करोड़ रुपये की राशि कर हानि हुई। इस पर सीईओ ने मंगलवार को जेपी को संबंधित कंपनी का आवंटन निरस्त करने और नोएडा प्राधिकरण को नक्शा पास न करने की अपील की थी। साथ ही नोएडा प्राधिकरण से कहा था कि यदि नक्शा पास हो गया हो तो उसे निरस्त करा दिया जाए। गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण के एवज में सरकार ने जेपी इंफ्राटे को पांच एलएफडी दी थी। इनमें एक एलएफडी नोएडा सेक्टर-128 में थी। जिसमें से 73 एकड भूमि का यह प्रकरण है। एलएफडी से तात्पर्य है कि एक्सप्रेसवे बनाने में जो राशि लगी उसके एकज में उक्त भूमि से पैसा वसूला जा सके।
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आर्थिक अपराध शाखा करेगी जांच
शिप्रा की ओर से अदालत के आदेश पर 9 अप्रैल को 18 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में दर्ज है। वहां के अधिकारियों का कहना है कि मोटी राशि का प्रकरण होने के कारण इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा ही करेगी। जल्द ही प्रकरण को आर्थिक अपराध शाखा को भेज दिया जाएगा।
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बिल्डर ने निकाली आवासीय योजना
अब जेपी की एलएफडी की 73 एकड़ भूमि पर एक नया अध्याय लिखने की तैयारी हो रही है। संबंधित बिल्डर ने जमीन की रजिस्ट्री कराए बिना और यूपी रेरा में पंजीकरण कराए बिना ही फ्लैट की योजना निकाल दी। अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि इसकी शिकायत पिछले दिनों की गई थी। यदि यह मामला दर्ज न होता तो बिल्डर फ्लैट बेचकर खरीदारों को फंसा देता। विज्ञापन में भी बिल्डर ने पंजीकरण संख्या जल्द आने का दावा किया है।
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जेपी इफ्राटेक का सेक्टर-128 स्थित एलएफडी यमुना प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार में आता है। यीडा का 210 करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि रजिस्ट्री न कराने पर 1.20 करोड़ का स्टांप सी चोरी की गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बीटा-दो कोतवाली में तहरीर दिलवाई है। जबकि स्टांप चोरी के मामले में जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा हे।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण।