आयत पढ़ो और गेम जीतो: Online गेम के जरिए शुरू किया मतांतरण का खेल; ब्रेनवॉश कर छात्र समेत चार का कराया मतांतरण
गाजियाबाद। आयत पढ़ोगे तो ऑनलाइन गेम में लगातार जीत मिलेगी, यह बात बद्दो और उसके गिरोह के साथी एप पर गेम खेलने के दौरान हारने वाले किशोरों को बोलते हैं। उनकी बातों में आकर जो किशोर ऐसा करने के लिए राजी हो जाता है तो गिरोह के सदस्य उन्हें आयत पढ़ने के तरीके बताते। बाद में उनका विश्वास जीतकर डिस्कॉर्ड नाम के चैटिंग एप में जोड़कर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करना शुरू कर देते हैं। आशंका जताई जा रही है कि ऐसा करके बद्दो कई किशोरोंं को अपने जाल में फंसा चुका है।
डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में शातिरों के झांसे में चार किशोरों के फंसने की बात सामने आई है। फोर्ट नाइट अमेरिकी गेमिंग एप है जिस पर गिरोह किशोरों को जाल में फंसाते हैं। गिरोह के सदस्यों ने गेमिंग व चैटिंग एप पर हिंदुओं के नाम से आईडी बना रखी हैं। जिससे किशोर उन पर शक न करें और आसानी से बातचीत कर ले। गिरोह के तार विदेश से भी जुड़े होने की बात सामने आ रही है। पुलिस इसकी भी जांच में जुटी है।
तीन चरण में फंसाते हैं किशोर
पहले चरण में फोर्ट नाइट एप पर गेम जीतने के लिए कुरान की आयत पढ़ने के लिए उकसाते हैं, जो किशोर आयत पढ़ने के बाद गेम में जीत जाता है, उसे इस्लाम के प्रति विश्वास करने के लिए प्रेरित करते हैं।
दूसरे चरण में डिस्कॉर्ड नामक चैटिंग एप पर किशोरों को ग्रुप में जोड़कर उन्हें इस्लाम के रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी देते हैं।
तीसरे चरण में गिरोह के लोग किशोरों को इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाइक की वीडियो भेजकर इस्लाम अपनाने के प्रति उनका ब्रेनवॉश करते हैं।
15 सदस्यीय मस्जिद कमेटी जांच के घेरे में
संजयनगर सेक्टर-23 की जामा मस्जिद की 15 सदस्यीय कमेटी जांच के घेरे में है। किशोर के मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने की बात उसके परिजनों को पता चली तो उन्होंने किशोर का समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना। मामले की जानकारी मस्जिद कमेटी व अब्दुल रहमान को लगी तो कमेटी ने खुद को फंसता देख पहले तो अब्दुल रहमान को कमेटी से निकाला फिर अब्दुल ने अपने मोबाइल से साक्ष्य मिटाए। ऐसे में मस्जिद कमेटी के अन्य सदस्य भी जांच के घेरे में हैं।
विदेश से फंडिंग की आशंका
बद्दो की ढाई साल की 150 पेज की बैंक स्टेटमेंट में सैंकड़ों ट्रांजेक्शन मिली है। वह भी संदिग्ध है। पुलिस इसकी जांच में जुटी है। उसके खाते में कहां से इतनी रकम आ रही है और किस मकसद से डलवाई जा रही है। हालांकि अभी तक विदेश की कोई ट्रांजेक्शन नहीं मिली है। पुलिस उसके बैंक खाते की पुरानी ट्रांजेक्शन भी निकलवाएगी।
एटीएस डालेगी डेरा
मामले में एटीएस भी जांच कर रही है। एटीएस ने किशोर के मोबाइल व लैपटॉप भी खंगाले हैं। अब जल्द ही एटीएस भी जिले में डेरा डालेगी और मामले की गहनता से जांच करेगी। पुलिस का मानना है कि अब्दुल रहमान के मोबाइल से कई और भी पुख्ता साक्ष्य मिल सकते हैं।