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विकास दुबे के सील मकान में फिर से चोरी! पत्नी ने पुलिस में की शिकायत

बिकरु कांड का जिन्न और उससे जुड़ी खबरें एक बार फिर से निकल कर बाहर आने लगी हैं. विशेषकर तब से जबसे इस कांड के दूसरे मास्टरमाइंड रहे, एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर किए जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के जेल से बाहर आने की सुगबुगाहट तेज हुई थी. अब जैसे ही खुशी दुबे शनिवार को जेल से बाहर निकली वैसे ही, बिकरु कांड के मुख्य आरोपी रहे विकास दुबे की पत्नी ने पुलिस द्वारा सील अपने घर में चोरी का खुलासा करके सबको चौंका दिया है. हालांकि दूसरी ओर मुठभेड़ में मारे जा चुके विकास दुबे की पत्नी के सील घर में चोरी की बात से लखनऊ पुलिस इनकार करती है. आइए जानते हैं कि आखिर इस सबके पीछे की इनसाइट स्टोरी क्या है?

बताना जरूरी है कि 2 जुलाई 2020 की रात यूपी के कानपुर स्थित बिकरू गांव में अंजाम दिए गए खूनी कांड की कहानी अब लोग भूलते जा रहे थे. कुछ दिन पहले अचानक इस कहानी से जुड़ी खबरों का जिन्न तब दुबारा से बाहर आना शुरु हो गया जब बदनाम बिकरू कांड के दूसरे नंबर के सबसे खतरनाक बदमाश और 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर में यूपी पुलिस एसटीएफ द्वारा ढेर कर डाले गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के जेल से बाहर आने की सुगबुगाहट शुरु हुई.

खुशी जेल से निकलकर अपने मायके पहुंची

सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से शनिवार को खुशी दुबे भी जेल से बाहर निकल कर अपने मायके पहुंच गई. पूरे 927 दिन बाद उसे जेल से बाहर की आब-ओ-हवा में सांस लेने का मौका हाथ आया. यहां तक तो कोई नहीं बात नहीं है. खुशी बाहर आई सो आई. खुशी के बाहर आने के साथ ही उसके बाहर आने की भी खबर से बड़ी खबर जो निकल कर बाहर आई वो है बिकरू कांड के सूत्रधार और पुलिस एनकाउंटर में घटना के चंद दिन बाद ही ढेर किए जा चुके विकास दुबे की पत्नी का सनसनीखेज खुलासा.

जिसमें ऋचा दुबे ने आरोप लगाया है कि लखनऊ के कृष्णा नगर स्थित उसके जिस मकान को घटना के बाद पुलिस ने सील कर दिया था. उसमें चोरी हो गई है. एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार. ऋचा दुबे की पत्नी का यह बयान ठीक ऐसे मौके पर बाहर आया है जब या तो उस कांड में ढेर किए जा चुके बदमाश अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे जेल से बाहर आने वाली थी. वहीं ऋचा दुबे के मकान में चोरी की किसी घटना के बारे में पूछे जाने पर टीवी9 भारतवर्ष से सोमवार को सहायक पुलिस आयुक्त कृष्णा नगर विनय कुमार द्विवेदी ने कहा, ‘अभी तक ऐसी कोई घटना हमारे संज्ञान में नहीं आई है.’

दो बार हुई मकान में चोरी

माफिया विकास दुबे की विधवा ने आरोप लगाया है कि उसके सील मकान में दो बार चोरी होना गंभीर बात है. वो भी तब जब मकान के आसपास पुलिस की गश्त भी रहती है. हालांकि यह खुलासा करने वाली ऋचा दुबे ने इसका उल्लेख नहीं किया है कि उसके सील मकान में हुई चोरी की घटना में क्या क्या चोरी हुआ है? 15 जनवरी 2023 को चोरी होने की पुष्टि में जहां ऋचा दुबे घर की दीवारों पर, इंसानी हाथ पांवों के निशानों की मौजूदगी बतौर सबूत पुलिस को दिखा रही थीं. मेन गेट का कुंडा टूटा और घर के दरवाजों का खुला हुआ मिला.

वहीं दूसरी ओर मौके पर मुआयना करनी पहुंची पुलिस चोरी की घटना अंजाम दिए जाने से ही साफ इनकार करती है. थाना कृष्णा नगर प्रभारी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने मीडिया से कहा, ‘मकान में चोरी होनी की खबर मिली थी. मौके पर जाकर देखा गया तो चोरी जैसी कोई घटना अंजाम दिए जाने का कोई सबूत नहीं मिला है और फिर जिस मकान के आसपास दिन-रात पुलिस गश्त रहती हो वहां चोरी कर लिया जाना, आसान नहीं है.’ यहां बताना जरूरी है कि बिकरू गोलीकांड के बाद उस कांड के मास्टरमाइंड रहे विकास दुबे के भाई दीपक दुबे की पत्नी अंजलि दुबे का भी मकान पुलिस ने सील कर दिया था.

घटना ने कानपुर पुलिस के हाथ-पांव फुलाए

खुशी दुबे की जेल से शनिवार को हुई रिहाई के आसपास ही, लखनऊ में सामने आई बिकरू कांड के मुख्य आरोपी के मकान में कथित चोरी की इस घटना ने कानपुर पुलिस के हाथ-पांव फुला रखे हैं. कानपुर पुलिस इस असमंजस में है कि कहीं लखनऊ के कृष्णा नगर थाना क्षेत्र में स्थित विकास दुबे की पत्नी के मकान में चोरी होने की आ रही कथित खबरों का छोर और कहीं से न जोड़ देने की तैयारियां चल रही हों.

हालांकि, इस बारे में कानपुर पुलिस का कोई अधिकारी खुलकर बोलने को तो तैयार नहीं है मगर दबी जुबान और पहचान न खोलने की शर्त पर कानपुर में सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा ‘अपराध से जुड़े लोगों का कोई ठौर ठिकाना नहीं होता है. किस बात को अपने फायदे के लिए कहां तिल का ताड़ बनाकर कोर्ट-कचहरी में पेश कर आएं. इसलिए हम लखनऊ में हुई चोरी की घटना को लेकर चिंतित बिलकुल नहीं सजग जरूर हैं. यह विजिलेंस पुलिस को रखनी भी चाहिए.’

मकान की जिम्मेदारी मालिक से ज्यादा पुलिस की

इस बारे में टीवी9 भारतवर्ष से बात करते हुए सोमवार को 1974 बैच यूपी कैडर के पूर्व आईपीएस और उत्तर प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड महानिदेशक विक्रम सिंह ने कहा, ‘मेरी समझ से अब जो क्रिमिनल तबाह ही कर डाले गए हैं. जिनका नाम-ओ-निशां पुलिस और एसटीएफ ने बाकी न छोड़कर उन्हें उनके किए की सजा तक दे डाली हो. उनके पीछे छूटे लोग क्या करेंगे? सिवाय पुलिस को इधर उधर की कहानियां सुनाने के. वैसे भी पुलिस कोई इतनी कम-अक्ल तो है नहीं कि, एक रात में घेरकर आठ आठ पुलिस वालों को शहीद कर डालने वाले बदमाशों को ढेर करने के बाद भी उनके अपनों की बातों में आ जाएगी.

चोरी की यह घटना पहली बात तो हुई ही नहीं होगी. अगर हुई भी होती इस मामले को पुलिस हवा में कैसे उड़ा देती. अब तक तो सबकुछ पुलिस निकाल कर सामने ले आई होती. जिस सीलबंद मकान में चोरी की घटना का रोना रोया जा रहा है. दरअसल उस मकान की रखवाली की जिम्मेदारी मकान स्वामी से कहीं ज्यादा तो पुलिस की है. क्योंकि उस मकान को कानूनन सील किया गया है. तो फिर भला ऐसे में कोई पुलिस उस मकान में चोरी कैसे हो लेने देगी जिसे उसी ने सील किया है?’

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