Delhi: अंडर ट्रायल कैदियों को अच्छे आचरण पर सजा में मिलेगी छूठ, जेल के नियमों में किया प्रावधान
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पहली बार दिल्ली की जेलों में बंद कैदियों को विचाराधीन कैदियों के रूप में बिताए गए समय के दौरान उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट दी जाएगी. बता दें कि वर्तमान में केवल दोषी ठहराए गए कैदियों के आचरण के आधार पर उन्हें छूट देने पर विचार किया जाता है.
दोष सिद्ध होने पर सजा में जोड़ी जाएगी छूट
एक अपराधी वह व्यक्ति होता है कि जिसे अदलात द्वारा अपराध का दोषी मानते हुए सजा सुनाई जाती है. जबकि एक अंडरट्रालयल कैदी वो होता है जिसे अदालत में मुकदमे के दौरान न्यायिक हिरासत में रखा जाता है. एक अधिकारी ने कहा कि नए नियम के तहत विचाराधीन कैदियों को उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट दी जाएगी, हालांकि, दोष सिद्ध होने के बाद ही उनकी सजा में छूट जोड़ी जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह दिल्ली की जेलों में सुधारात्मक प्रशासन की दिशा में एक कदम है जो कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में उनके प्रयासों को मजबूत करेगा ताकि उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ फिर से जोड़ा जा सके.
दिल्ली की जेलों में 90 प्रतिशत से अधिक विचाराधीन कैदी- NCRB
2021 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में जेलों में बंद कुल कैदियों में से लगभग 77 प्रतिशत विचाराधीन कैदी थे. इसमें यह भी बताया गया कि दिल्ली की जेलों में यह प्रतिशत राष्ट्रीय प्रतिशत से ज्यादा है और यहां विचाराधीन कैदियों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक है.
‘केवल दोषियों को ही मिलती हैं सुविधाएं’
दिल्ली जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह विडंबना ही है कि देश में ज्यादातर नियम केवल दोषियों के लिए ही बनते हैं, छूट, काम की मजदूरी, पैरोल, फर्लो, खुले स्थान मुख्य रूप से दोषियों के लिए ही हैं, इस हकीकत के बावजूद कि 90 प्रतिशत से ज्यादा कैदी विचाराधीन हैं.
अच्छा आचरण करने के लिए विचाराधीन कैदियों के पास कोई शर्त या प्रेरणी ही नहीं थी, यही वजह है कि जेल मैनुअल में इस नए मियम को जोड़ा गया है. अब विचाराधीन कैदियों को भी उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट मिलेगी. सालभर उनका व्यवहार कैसा रहा यही उनकी छूट का पैमाना होगा.
सालाना अच्छे आचरण के आधार पर मिलेगी 1 महीने की छूट
कैदी को दोषी ठहराए जाने के बाद उसकी सालाना अच्छे आचरण की रिपोर्ट के आधार पर उसे एक महीने की छूट दी जाएगी. इस नये नियम से विचाराधीन कैदियों को सुधरने और अच्छा व्यवहार करने की प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन का यह भी मानना है कि इस कदम से उन्हें शहर की जेलों में भीड़ कम करने में मदद मिलेगी.