भीम आर्मी चीफ पर किसने चलाई गोली? चंद्रशेखर पर हमले में 4 हिरासत में
सहारनपुर में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमला करने वाले 4 संदिग्ध लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। साथ ही हमलावरों की कार भी बरामद कर ली गई है। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 4 संदिग्धों को हिरासत लेकर अब पूछताछ कर रही है और वहीं दूसरी ओर सहारनपुर के CMS डॉ. रतन पाल सिंह ने जानकारी दी है कि चंद्रशेखर की हालत ठीक है। हमने डिजिटल एक्स रे, अल्ट्रासाउंड कर लिया है। पेट के अंदर न कोई गोली है और न ही छर्रे है। घबराने की कोई बात नहीं है।
वहीं सहारनपुर के एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि मेरी चंद्रशेखर आजाद साहब से बात हुई है। वे बेहतर महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर ने बताया है कि कल जांच के बाद उनके डिस्चार्ज होने की संभावना है। उन्होंने भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर जॉर्ज सोरोस के साथ सांठगांठ के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जॉर्ज सोरोस और उनके द्वारा फंडेड संगठनों का राहुल गांधी से ताल्लुक नया नहीं पुराना है। इस दौरान स्मृति ईरानी ने एक तस्वीर भी साझा की। देवबंद पहुंचे थी चंद्रशेखर
गौरतलब है कि 28 जून को चंद्रशेखर सहारनपुर के देवबंद पहुंचे थे और यहां उनके काफिले पर कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी थी। इस जानलेवा हमले में चंद्रशेखर घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए देवबंद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गोली चंद्रशेखर को छूकर निकल गई थी, जिससे वे घायल हो गए थे। चंद्रशेखर की कार पर गोलियों के निशान दिखाई दे रहे हैं।
हरियाणा की कार में आए थे हमलावर
मिली जानकारी के मुताबिक हमलावर हरियाणा नंबर की कार से आए थे। फायरिंग में चंद्रशेखर की कार के शीशे भी टूट गए हैं।हमलावरों की पहचान के लिए CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर का कहना है कि’मुझे ठीक से याद नहीं है, लेकिन मेरे लोगों ने उन्हें पहचान लिया। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसे अचानक हमला हो जाएगा।
जानें कौन हैं चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर का जन्म 3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर जिले के छुटमलपुर कस्बे में हुआ था। चंद्रशेखर आजाद पेशे से वकील और दलित-बहुजन अधिकार के लिए काम करने वाले नेता है। वे खुद को बाबा भीमराव अम्बेडकर का अनुयायी बताते हैं। टाइम पत्रिका ने फरवरी 2021 में चंद्रशेखर को 100 उभरते नेताओं की अपनी वार्षिक सूची में शामिल किया था।