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मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाते हैं पतंग? जानें धार्मिक महत्व

नई दिल्ली: देशभर में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल इस साल ये पर्व 15 जनवरी 2023, रविवार को मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान करने की विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन घरों में खिचड़ी, दही बड़े, तिल के लड्डू, मुरमुरे के लड्डू जैसे विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लेकिन इसके साथ ही घर के बच्चों से लेकर बड़े लोग पतंग जरूर उड़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मकर संक्रांति के ही दिन पतंग क्यों उड़ाती है? जानिए पतंग उड़ाने के पीछे की परंपरा।

पतंग उड़ाने की धार्मिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी। तमिल की तन्नाना रामायण के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम से पतंग उड़ाई थी, जो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। इसी कारण इस दिन पतंग उड़ाई जाती है।

पतंग उड़ाने का क्या है संदेश?

मकर संक्रांति की तरह स्वतंत्रता दिवस के दिन भी पतंग उड़ाने की परंपरा है। पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है। इसलिए इन दिनों में पतंग उड़ाने से खुशी का संदेश जाता है।

पतंग उड़ाने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें, तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरण शरीर के लिए अमृत समान है, जो विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होती है। इसलिए इस दिन पतंग उड़ाने से आप सूर्य की किरणों को अधिक मात्रा में ग्रहण करते हैं, जिससे आपके शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है। इसके साथ ही विभिन्न तरह के रोगों से बचाव होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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