दिल्ली/एनसीआरनोएडा

नोएडा में कबाड़ के लोहे से बनेगा चिड़ियाघर, डायनासोर की आवाज के साथ सुनाई देगी शेर की दहाड

नोएडा। अब तक आपने चिड़ियाघर में शेर तो देखा होगा, लेकिन शेर के पूरे परिवार को एक साथ दहाड़ते हुए नहीं देखा होगा। वहीं डायनासोर भी अब तक आपने नहीं देखें होंगे, उनकी आवाज भी सिर्फ फिल्मों में सुनी होगी। आने वाले एक वर्ष में नोएडा के सेक्टर-94 में न सिर्फ शेर का परिवार दहाड़ता हुआ दिखाई देगा, बल्कि हिलता डुलता डायनासोर भी आवाज करता हुआ दिखाई देगा।

कबाड़ के लोहे से तैयार होगा चिड़ियाघर

नोएडा सेक्टर-94 में करीब 25 एकड़ भूमि पर करीब 500 टन लोहे के कबाड़ से फोर-डी तकनीक पर आधारित चिड़ियाघर बनाया जाएगा। इसके लिए सामने आई तीन कंपनियों में से एक का चयन किया जा चुका है। उम्मीद की जा रही है कि फरवरी में चयनित कंपनी कार्य शुरू कर देगी और एक वर्ष में फोर-डी कांसेप्ट जू-पार्क बनकर तैयार हो जाएगा।

प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक एनसीआर का यह पहला नेचुरल ट्रेल आफ आर्टिफिशियल जू थीम पार्क नोएडा में बनेगा। इसके निर्माण के लिए चयनित कंपनी के साथ प्राधिकरण के बांड साइन होंगे। फरवरी में कंपनी जू-पार्क का निर्माण शुरू कर देगी। पार्क का कांसेप्ट फोर-डी पर आधारित होगा।

इस पार्क को बनाने वाली कंपनी ही इसका संचालन और देखरेख के साथ अनुरक्षण का कार्य करेगी। पार्क में आने वाले लोगों के लिए टिकट रखा जाएगा। पार्क में लोगों को आकर्षित करने के लिए ही इसे सेक्टर-94 के पास बनाया जाएगा। ताकि नोएडा के साथ ही दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के लोग भी यहां आसानी से आ सके। पार्क को मास्टर प्लान-2031 में रिक्रिएशनल ग्रीन के तहत 25 एकड़ में बनाया जाएगा।

हिलने-डुलने के साथ आवाज भी करेंगे

फोर-डी कांसेप्ट पर बनाए जा रहे पार्क में जो जंगली जानवरों कबाड़ से बनाए जाएंगे, वे दिखने में असली के जैसे होंगे। लेकिन उनकी प्रतिक्रिया असली जानवर जैसी नहीं होंगी। वे हिलेंगे-डुलेंगे तो, लेकिन असली जानवरों की तरह चलने-फिरने और कूदने में सक्षम नहीं होंगे। असली जानवरों की तरह की उनके शरीर के हिलने की प्रतिक्रिया होगी और ये आवाज भी करेंगे।

15 कोरड़ के खर्च से तैयार होगा पार्क

करीब 15 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए जाने वाले इस पार्क में 500 टन लोहे के कबाड़ का प्रयोग किया जाएगा। इस लोहे को प्लांट में री-साइकिल किया जाएगा। इसके बाद लोहे से पार्क में स्कल्पचर बनाए जाएंगे। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग भी किया जाएगा। जिस एजेंसी को निर्माण करने का कार्य सौंपा जाएगा, वह एजेंसी 20 वर्ष तक इसका संचालन और बनाए जाने वाले जानवरों के अनुरक्षण का कार्य भी करेगी।

पार्क के एक प्रतिशत हिस्से में होंगे जानवर

जानकारी के मुताबिक पार्क के कुछ हिस्से में जानवर लगाए जाएंगे, और एक प्रतिशत हिस्से में रेस्तरां, फूड कोर्ट, वेंडिंग जोन, इंडोर गेम, रिटेल दुकानें भी होंगी। इन सबका निर्माण कुल ग्रीन एरिया का एक प्रतिशत हिस्से में किया जाएगा। बाकी पूरे हिस्से में हरियाली होगी, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी।

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