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100-500 के नोट पर कुछ लिखने से वो बैंकों में मान्य नहीं होगा? जानें आरबीआई के नियम

नई दिल्ली। अक्सर आपके पास ऐसे नोट आ जाते हैं, जिन पर कुछ न कुछ लिखा होता है। कई बार तो ऐसे नोट हाथ लगते हैं, जो काफी गंदे हो चुके होते हैं। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर प्रसारित एक संदेश में दावा किया गया है कि आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक नोटों पर कुछ भी लिखने से वे अमान्य हो जाते हैं। क्या आप इस संदेश का सच जानते हैं?

यह पूरी तरह से भ्रामक संदेश है। आरबीआई ने नागरिकों से ऐसे भ्रामक संदेशों को फॉरवर्ड नहीं करने को कहा है। आरबीआई ने यह भी कहा है कि ये बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि RBI की स्वच्छ नोट नीति के तहत, उपयोगकर्ताओं से अनुरोध किया जाता है कि वे करेंसी नोट पर कुछ भी न लिखें से क्योंकि इससे वो जल्दी खराब हो जाते हैं।

क्या हैं आरबीआई के नियम

1999 के बाद से, जब RBI ने स्वच्छ नोट नीति की घोषणा की, करेंसी नोटों और सिक्कों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए। लोगों से आग्रह किया गया कि वे करेंसी नोटों पर न लिखें और बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे नोटों को बदलने के लिए बेरोकटोक सुविधाएं प्रदान करें। रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, बैंकों की करेंसी चेस्ट शाखाओं को ग्राहकों के अलावा सामान्य लोगों को भी गंदे और कटे-फटे नोटों के बदले अच्छी गुणवत्ता वाले नोट और सिक्के देने चाहिए।

गंदे और कटे-फटे नोटों के बारे में क्या कहता है RBI?

गंदे नोट वे होते हैं जो मैले और थोड़े कटे हुए होते हैं। दो सिरों पर संख्या वाले 10 रुपये और उससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट, जो दो टुकड़ों में होते हैं, उन्हें भी गंदे नोट माना जाता है। दूसरी ओर, कटे-फटे नोट ऐसे नोट होते हैं जिनमें एक हिस्सा गायब होता है या वो दो से अधिक टुकड़ों में बंटे होते हैं। करेंसी नोट में आवश्यक भाग जारी करने वाले प्राधिकरण का नाम, गारंटी, वादा खंड, हस्ताक्षर, अशोक स्तंभ प्रतीक / महात्मा गांधी का चित्र और वॉटरमार्क हैं। किसी भी नोट में इनका होना जरूरी है। इन सभी नोटों को किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शाखा, किसी निजी क्षेत्र के बैंक की मुद्रा चेस्ट शाखा या आरबीआई के किसी जारीकर्ता कार्यालय के काउंटर पर बदला जा सकता है।

कैसे बदले जाते हैं नोट

RBI के मुताबिक, नोट बदलने के लिए के लिए किसी फॉर्म को भरने की जरूरत नहीं है। कोई भी व्यक्ति एक दिन में अधिकतम 5,000 रुपये मूल्य के 20 नोटों को बैंक के काउंटर पर मुफ्त में बदल सकता है। गंदे नोटों के मामले में, जब किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किए गए नोटों की संख्या 20 नग या प्रतिदिन मूल्य में 5,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो बैंक उन्हें बाद में जमा करने के लिए रसीद के बदले स्वीकार कर सकते हैं। बैंक सेवा शुल्क भी लगा सकते हैं। यदि इन नोटों का मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है, तो बैंकों से सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है।

नहीं बदल सकते हैं ये नोट

कटे-फटे नोटों के मामले में, जहां किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किए गए नोटों की संख्या 5 पीस तक है, ग्राहक को काउंटर पर ही विनिमय मूल्य का भुगतान करना चाहिए। जो नोट काफी खराबी हालात में हैं या बुरी तरह से जले हुए हैं या एक साथ बुरी तरह से चिपक गए हैं, उन्हें बैंक शाखाओं द्वारा एक्सचेंज के लिए स्वीकार नहीं किया जाता।

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