मध्यान भोजन का नहीं मिला पैसा, गुस्साए बच्चों ने स्कूल स्टाफ को किया कमरे में बंद
बलिया : कोरोना काल के मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) योजना का पैसा नहीं मिलने से नाराज छात्र-छात्राओं ने प्रधानाध्यापक को कमरे में बंद कर ताला लगा दिया। छात्र कहने लगे कि जब तक कोरोना काल का पैसा प्रधानाध्यापक भुगतान नहीं करते तब तक ताला नहीं खुलेगा।
कई घंटे बाद खोला दरवाजा
घंटों मानमनौव्वल के बाद तत्काल पैसा भुगतान के आश्वासन पर छात्रों ने कमरे का ताला खोलकर प्रधानाध्यापक को बंधन से मुक्त किया। यह मामला क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय हेमंतपुर (दुर्जनपुर) का है। विद्यार्थियों का आरोप है कि मिड डे मील योजना का पैसा मांगने पर प्रधानाध्यापक नहीं दे रहे हैं। इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी किया था, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छात्र बोले- मजबूरी में हमने उठाया यह कदम
विद्यालय के छात्र धीरज, राजू, संतोष, संजय सहित दर्जनों छात्रों ने कहा कि हम ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन सामान्य तौर पर की जा रही मांग पर उच्च अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनका ध्यान आकृष्ट कनरने के लिए ही यह कदम उठाना पड़ा।
गौरतलब है कि जब कोरोना काल में बच्चों का स्कूल बंद था तब जूनियर हाईस्कूल के प्रति छात्र प्रति माह 376 रुपये और प्राथमिक विद्यालय के छात्र व छात्राओं को प्रतिमाह प्रति छात्र 234 रुपये नगद भुगतान करना था। विभाग द्वारा यह धनराशि प्रधानाध्यापक के खाते में भेज दी गई थी। इसके बावजूद विद्यार्थियों में यह धनराशि वितरित नहीं की गई।
शिक्षकों के बहकावे में आकर विद्यार्थियों ने ऐसा किया : प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक जयप्रकाश यादव ने बताया कि शिक्षकों के बहकावे में आकर विद्यार्थियों ने ऐसा किया। पूरा पैसा बच्चों को भुगतना कर दिया गया है। महज चौथी क़िस्त बाकी है, उसका भुगतान भी किया जाना था, तब तक विद्यार्थियों ने ऐसा कर दिया। इसकी शिकायत मै उच्च अधिकारियों से भी किया हूं।
यह प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है। विद्यालय में जाकर जांच की जाएगी। यदि किसी शिक्षक के बहकावे में आकर विद्यार्थियों ने ऐसा किया है तो कार्रवाई की जाएगी। भुगतान के संबंध में भी विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।