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निर्मला सीतारमण के पिटारे से उत्तराखंड को खास मिलने की आस, ये हैं उम्मीदें

देहरादून : जीएसटी प्रतिपूर्ति नहीं मिलने से कठिनाइयों से जूझ रहे उत्तराखंड को बड़ी राहत मिलने की आस है। केंद्र सरकार उत्तराखंड समेत ऐसे तमाम प्रदेशों के लिए पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना प्रारंभ कर सकती है।

केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को प्रस्तुत किए जाने वाले देश के बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। ऐसा हुआ तो सीमित संसाधनों से जूझ रहे प्रदेश को दीर्घावधि के लिए ब्याजमुक्त ऋण मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

वैट से होने वाली आय ही राजस्व का मुख्य स्रोत रही

उत्तराखंड के लिए बीते वर्षों में करों विशेष रूप से वैट से होने वाली आय ही राजस्व का मुख्य स्रोत रही है। वैट से आय में वार्षिक वृद्धि लगभग 18 प्रतिशत रही है। एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद कर आमदनी के मामले में उत्तराखंड को झटका लगा है।

यद्यपि केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों यानी 30 जून, 2022 तक जीएसटी प्रतिपूर्ति देकर राज्य के आय के स्रोत को बड़ा सहारा दिया। बीते 30 जून के बाद यह प्रतिपूर्ति बंद हो चुकी है। इसके बाद से एसजीएसटी से आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी शक्ति झोंके हुए है।

परिणामस्वरूप दिसंबर, 2022 तक एसजीएसटी में दिसंबर, 2021 की तुलना में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जीएसटी और वैट को मिलने से आमदनी में कुल वृद्धि 29 प्रतिशत है। इसके बावजूद सच यह भी है कि जीएसटी प्रतिपूर्ति नहीं होने से राज्य सरकार को प्रति वर्ष लगभग 5000 करोड़ की राशि कम होने के रूप में झटका लगा है।

उत्तराखंड समेत तमाम प्रदेश जीएसटी काउंसिल की बैठकों में इस विषय को लगातार उठाते रहे हैं। यद्यपि केंद्र सरकार ने जीएसटी प्रतिपूर्ति आगे जारी रखने के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया, लेकिन राज्यों को राहत के संकेत भी दिए हैं।

पूंजी निवेश को प्रारंभ की जा सकती है विशेष सहायता योजना

जीएसटी प्रतिपूर्ति न होने से घाटा उठाने वाले प्रदेशों के लिए पूंजी निवेश को विशेष सहायता योजना प्रारंभ की जा सकती है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार प्रदेशों को दीर्घावधि के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करा सकती है।

प्रदेश सरकार उम्मीद कर रही है कि बुधवार को केंद्र सरकार के बजट में यह योजना प्रस्तुत की जा सकती है। ब्याज मुक्त ऋण मिलने से उत्तराखंड को अवस्थापना विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से धनराशि मिल सकेगी।

इसके अतिरिक्त केंद्रपोषित योजनाओं और केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं का दायरा नए बजट में बढ़ाया जा सकता है। ऐसा हुआ तो प्रदेश को इन योजनाओं के माध्यम से बड़ी सहायता उपलब्ध हो जाएगी।

उत्तराखंड समेत 11 हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जे के रूप में केंद्र सरकार की योजनाओं में अधिक अनुदान मिलने की व्यवस्था है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में केंद्रपोषित योजनाओं के लिए धनावंटन में वृद्धि हुई तो उसका लाभ प्रदेश को मिलना तय है।

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