दिल्ली/एनसीआरनोएडा

नोएडा के चाइल्ड पीजीआइ में बनेगा पश्चिमी यूपी का पहला मदर मिल्क बैंक

नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में मिल्क बैंक खुलने वाला है. नवजात शिशुओं और माताओं के लिए यह एक बड़ा कदम होगा. नोएडा में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH) की नवजात शिशु देखभाल इकाई को जल्द ही अगले साल की शुरुआत में स्तनपान प्रबंधन इकाई और एक मिल्क बैंक मिल जाएगा. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि एक बार चालू होने के बाद यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्रेस्ट मिल्क स्टोर करने वाला पहला मिल्क बैंक होगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टरों ने कहा कि मिल्क बैंक शुरू करने की दिशा में पहला कदम लैक्टेशन सपोर्ट यूनिट होगा. यूनिट में नई और स्तनपान कराने वाली माताओं की सभी चिंताओं को दूर किया जा सकेगा और उन्हें सलाह भी दी जाएगी. माताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले ब्रेस्ट पंप भी उपलब्ध होंगे. डॉक्टरों ने कहा कि बैंक में माताओं को यह भी सिखाया जाएगा कि अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए दूध कैसे निकाला जाता है.

डॉक्टरों ने कहा, छह महीने की उम्र तक के सभी बच्चों के लिए विशेष स्तनपान कराया जाना चाहिए. यह कुपोषण को रोक सकता है और दस्त, निमोनिया और कई अन्य बीमारियों और संक्रमणों के कारण होने वाली बीमारी और मृत्यु को भी रोक सकता है. हालांकि, इसके बारे में जागरूकता पूरी आबादी में बेहद निराशाजनक है. कई महिलाओं को यह गलतफहमी होती है कि उनके बच्चे के लिए फार्मूला या अन्य दूध स्तन के दूध से बेहतर है.”

अभी देश में केवल 15-20 मिल्क बैंक

विभिन्न शहरों में मिल्क बैंक स्थापित करने के लिए कार्यरत एनजीओ सुशीना हेल्थ फाउंडेशन के सहयोग से लैक्टेशन सपोर्ट यूनिट की स्थापना की जा रही है. डॉक्टर राय ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद पूरे देश में करीब 15-20 मिल्क बैंक ही हैं.

पश्चिमी यूपी का होगा पहला यह मिल्क बैंक

डॉक्टर राय ने कहा, “पश्चिमी यूपी में हमारा पहला मिल्क बैंक होगा, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है. क्योंकि हमें कई अनुमतियों और उपकरणों की खरीद की आवश्यकता है. हालांकि, अब जागरूकता बढ़ाने और प्रक्रियाओं में तेजी लाने की आवश्यकता है. हम कई माताओं से मिलते हैं जो पर्याप्त दूध का उत्पादन करती हैं, जिसका उपयोग कई अन्य बच्चों की देखभाल के लिए किया जा सकता है.” साथ ही उन्होंने कहा, “नई माताओं की सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि उन्हें लगता है कि वे पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर रही हैं. महिलाओं को यह बताने की जरूरत है कि वे जितना अधिक दूध पिलाएंगी, उतना ही अधिक उनके स्तन में दूध का उत्पादन होगा.”

बता दें कि धात्री मिल्क बैंक के संस्थापक निदेशक डॉक्टर संतोष कुमार क्रालेटी ने गुरुवार को पीजीआईसीएच का दौरा किया. संस्थान के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ आरके गुप्ता (सेवानिवृत्त) के साथ लैक्टेशन सपोर्ट यूनिट के विवरण को अंतिम रूप दिया.

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