दिल्ली पुलिस ने लग्जरी कारों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का किया भंडाफोड़
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को एक अंतरराज्यीय ऑटो लिफ्टर गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो राष्ट्रीय राजधानी से महंगी लग्जरी कारों और एसयूवी की चोरी करता था। पुलिस ने सोमवार को इस गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपितों की पहचान यूपी के संभल में रहने वाले मो. दानिश और दानिश उर्फ राजा के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पांच महंगी लग्जरी कारें और एसयूवी भी बरामद की हैं।
पूर्वोत्तर में बेचते थे चोरी की हुई कारें: पुलिस
अधिकारी ने कहा कि यह गिरोह मंहगी कारों को चुराने के बाद फर्जी दस्तावेज तैयार करता था और फिर वे नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में उन्हें बेचते थे। पुलिस के मुताबिक, संभल क्षेत्र के ऑटो लिफ्टर के बारे में सूचना मिली थी, जो दिल्ली में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा था यह आने वाले दिनों में ओखला इलाके में चोरी करने वाले थे। यह गिरोह केवल महंगी कारों की चोरी करता है।
पूछताछ के बाद पूर्वोत्तर भेजी टीम: जांच अधिकारी
पुलिस ने आगे कहा, “सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया गया। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा, मो. दानिश और राजा को एक चोरी की बाइक के साथ पकड़ा गया, जब वे एक फॉर्च्यूनर कार चोरी करने के लिए रेकी कर रहा थे। पूछताछ के बाद चोरी के वाहनों को बरामद करने के लिए क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम को उत्तर पूर्व राज्यों में भेजा गया था।” “टीम ने मणिपुर और नागालैंड के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की और चोरी हुए वाहनों को बरामद किए। दोनों आरोपियों ने यह भी खुलासा किया कि संभल में रहने वाला गुलाम उनके गिरोह का सरगना है।”
चुराते थे महंगी कारें
इदरीश और राजा दिल्ली से महंगी कारों को चुराते थे और उन्हें संभल ले जाते थे, जहां दानिश और गुलाम ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और उत्तर पूर्व भारत के अन्य राज्यों में बेचने के लिए ले जाते थे। उन्होंने मणिपुर में जुमा खान, इमरान, शहीदुर और सगोलसेम जॉनसन को कारें बेचीं हैं।
अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच की जा रही है और चोरी के अन्य वाहनों को बरामद करने और शेष आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, राजा और दानिश पहले भी वाहन चोरी के 25 से अधिक मामलों में संलिप्त पाए गए हैं।