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हड़ताल पर जाने वाले 10 बिजली कर्मी बर्खास्त संविदा कर्मियों के खिलाफ होगी f.i.r. बिजलीघर पुलिस और पीएसी के हवाले

लखनऊ। प्रदेश में 23 वर्षों बाद बिजलीकर्मी गुरुवार रात दस बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए। हड़ताल टालने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दिन में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की जो बेनतीजा रही। इस बीच, महोबा में हड़ताली दस बिजलीकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया।

हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति में बाधा न आए इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं के साथ ही कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस-प्रशासन की टीम को चौकस कर दिया गया है। दिसंबर, 2022 में ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच हुए लिखित समझौते को लागू नहीं करने के विरोध में बिजली कर्मियों ने आंदोलनात्मक रुख अपना रखा है।

समझौते में प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति में ऊर्जा निगमों के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के लिए आदेश किया जाना, पावर सेक्टर इम्पलाइज प्रोटेक्शन ऐक्ट लागू करना, मानदेय की विसंगति दूर करना प्रमुख है।

सख्त कार्रवाई बिजलीकर्मी दो दिनों तक कार्य बहिष्कार के बाद तय कार्यक्रम के मुताबिक रात 10 बजे से हड़ताल पर चले गए। इस बीच जिलों में बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कारण बन रहे कार्मिकों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

संविदा कर्मियों पर एफआईआर के आदेश संघर्ष समिति ने बताया कि महोबा में हड़ताली दस बिजलीकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें पांच संविदा और पांच आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। इतना ही नहीं, डीएम ने संविदा कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। डीएम ने संबंधित कंपनी को काली सूची में डालने का आदेश भी जारी किया है। (साभार हिंदुस्तान)

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