दिल्ली सरकार ने शराब बेचकर कमाए 5,548 करोड़ रुपये, रोजाना बिकी 17 लाख बोतलें
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही शराब को लेकर घोटाले के आरोपों से घिरी रही हो, इसके बाद भी दिल्ली में शराब की बिक्री ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दिल्ली सरकार ने इतनी कमाई पहली बार की. हर दिन 17 लाख शराब की बोतलें खरीदी गईं. और औसतन 19.71 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार ने जुटाया. 2022-23 के बीच में आबकारी नीति में बदलाव और रद्द हो चुकी नीति के खिलाफ जांच के बावजूद 2022-23 में शराब बिक्री से 5,548.48 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने में सफल रही, जो “अब तक का सर्वाधिक” आबकारी राजस्व है. आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 17 लाख बोतलों की दैनिक औसत बिक्री के साथ, आबकारी विभाग का दैनिक औसत राजस्व 19.71 करोड़ रुपये रहा, जिसके चलते 2021-22 की तुलना में राजस्व में वृद्धि हुई है. अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने 2021-22 में आबकारी और वैट सहित 6,762 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व हासिल किया था, जो 2022-23 में बढ़कर 6,821 करोड़ रुपये हो गया.”
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को एक नयी आबकारी नीति लागू की थी. बाद में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों के चलते इस नीति को रद्द कर दिया गया. इस नीति के तहत निजी विक्रेताओं ने पूरे शहर में शराब की दुकानें खोली थीं. हालांकि, पिछले साल उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने नीति को वापस ले लिया था.
आबकारी नीति (2021-22) को आखिरकार अगस्त, 2022 में समाप्त कर दिया गया. सरकार ने एक सितंबर, 2022 से पुरानी आबकारी व्यवस्था लागू की, जिसके तहत उसके चार उपक्रमों ने शहर में शराब का कारोबार किया. आबकारी अधिकारियों ने कहा कि बाजार में 117 थोक विक्रेताओं के माध्यम से लगभग 1000 ब्रांड पंजीकृत किए गए हैं और पिछले साल सितंबर से मॉल (एल 10) में 10 दुकानों सहित 573 सरकारी खुदरा दुकानें खोली गईं.
अधिकारी ने बताया कि शहर में कुल 930 होटल, क्लब और रेस्तरां भी खुदरा ग्राहकों को सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘साल के बीच में नीति में बदलाव, रद्द हो चुकी नीति की जांच और सरकार द्वारा अपने निगमों- डीसीसीडब्ल्यूएस, डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी और डीएससीएससी के माध्यम से खुदरा शराब की बिक्री को अपने कब्जे में लेने के बावजूद यह राजस्व अर्जित किया गया. सरकारी निगमों ने एक सितंबर, 2022 से अब तक 300 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है.’’ एक सितंबर 2022 से लागू हुई पुरानी नीति को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया क्योंकि आबकारी विभाग नयी नीति पर काम कर रहा है.