ऑन डिमांड टायर चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 4 बदमाश गिरफ्तार
नोएडा। ऑन डिमांड कार के टायर चोरी वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है।चारों की पहचान कल्याणपुरी दिल्ली निवासी राजू गुर्जर, हाजीपुर निवासी ललित माथुर, मनीष सिंह बिष्ट और मयूर विहार निवासी चंद्र भूषण के रूप में हुई है। इनमें राजू गुर्जर गिरोह का सरगना है। बदमाशों ने आठ वर्षों में नोएडा और एनसीआर में 150 से अधिक कारों के पहिए चोरी किए हैं। इनके पास से 30 टायर, विभिन्न प्रकार के उपकरण, फर्जी नंबर प्लेट समेत घटना में प्रयुक्त कार बरामद की गई हैं। पुलिस इस गिरोह के अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है।
नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि नोएडा जोन की पुलिस को कारों के टायर चोरी होने की शिकायतें मिल रही थी। एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में पुलिस की टीम मामले की जांच कर रही थी। बृहस्पतिवार को पुलिस ने गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। चारों के खिलाफ दिल्ली एनसीआर के विभिन्न थानों में चोरी के 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा 32 मामले गिरोह के सरगना राजू गुर्जर के खिलाफ दर्ज हैं। पुलिस ने सभी बदमाशों को डीएलएफ मॉल के पास से दबोचा है। पुलिस के अनुसार बदमाश ग्राहकों की डिमांड के अनुसार कार के टायर चोरी करते थे और उन्हें टैक्सी चालकों समेत मार्केट में सस्ती दरों पर बेचकर और पैसों का बंटवारा कर लेते थे।
पांच मिनट में ईंट पर खड़ी कर देते थे कार
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि पकड़े गए बदमाश टायर खोलने में एक्सपर्ट हैं। बदमाश दिन में रेकी करते थे और रात में कार में ईंट रखकर लाते थे। मौका पाते ही कार के नीचे जैक लगाकर पांच मिनट में चारों टायर चोरी कर कार को ईंट पर खड़ी कर फरार जाते थे। बदमाश हर चोरी की वारदात में अलग-अलग नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते थे।
चोरी के टायर को पांच से 12 हजार में बेचते थे
पूछताछ में गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि ये लोग चोरी के टायर को पांच से 12 हजार रुपये में बेचते थे। ये आरोपी दिल्ली के कई दुकानदारों और कबाड़ियों के संपर्क में रहते थे। गिरफ्तार आरोपी चंद्रभूषण भी इन बदमाशों से टायर खरीदता था। पुलिस के मुताबिक बदमाश निठारी में कार के टायर चोरी करते हुए कैद हुए थे। वहां से चोरी करने के बाद बदमाशों ने भागने के लिए सेक्टर-94 की तरफ रूट पकड़ा। जानकारी होने पर पुलिस ने अन्य सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो इनके सही ठिकानों का पता चल गया।