नोएडा में घर खरीदारों को बड़ी राहत, 101 बिल्डरों से इतने करोड़ की वसूली शुरू
गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 101 बिल्डर्स पर शिकंजा कसा जाएगा. लिहाजा इन बिल्डर्स से 503 करोड़ रुपये की रिकवरी की जाएगी इसके लिए एक अभियान चलाया जाएगा. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जिनके खिलाफ उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट अथॉरिटी ने नोटिस जारी किया है, उन पर आज से कार्रवाई की जाएगी.
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की बकाया राशि की रिकवरी के लिए अगले 2 दिनों में बिल्डरों के खिलाफ मुनादी की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुनादी के बाद बकाएदारों को चिह्नित कर शर्मिंदा भी किया जाएगा. इसके साथ ही उनकी संपत्तियों की कुर्की और नीलामी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि रिकवरी के लिए आरसी जारी की गई हैं. वसूली योग्य राशि 503 करोड़ रुपये है. सात से आठ बिल्डरों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के जरिए दिवालिया के लिए आवेदन किया है.
डीएम ने कहा कि 1700 से ज्यादा आरसी जारी की गई हैं. वसूली योग्य बकाया राशि 500 करोड़ रुपये से अधिक हैं. हम वर्तमान में उन आरसी पर काम नहीं कर रहे हैं जो मुकदमे के अधीन हैं या किसी अदालत द्वारा रोक दी गई है. हमारे पास सभी डिफॉल्टर बिल्डरों का बकाए का विवरण है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. रिकवरी के लिए ऐसे लोगों की मुनादी भी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पहले ही कुछ मामलों में कार्रवाई की है, लिहाजा बकाएदारों की संपत्तियों को सील कर दिया है. अब उनके मामलों की नए सिरे से जांच की जाएगी. संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा और बकाया वसूलने के लिए उनकी संपत्तियों की नीलामी की जाएगी.
अधिकारी के मुताबिक हमारा उद्देश्य आम आदमी की गाढ़ी कमाई को वापस लाना है, जो बिल्डर के पास अटका हुआ है. यह पूरी कार्ययोजना डिफॉल्टरों पर दबाव बढ़ाने के लिए है. उन्होंने कहा कि 100 से अधिक बिल्डर हैं जो डिफॉल्टर हैं. इसमें सदर तहसील में 28 और दादरी तहसील में 73 मामले हैं. डीएम वर्मा ने कहा कि ‘यूपी रेरा ने सुनवाई के बाद आरसी जारी कर दी हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है. भविष्य में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, एडीएम (वित्त और राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव ने कहा कि ये आरसी केवल यूपी रेरा से हैं न कि स्थानीय नोएडा प्राधिकरण या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से. उन्होंने कहा कि मई 2018 में जब से रेरा का गठन हुआ है, तब से जिला प्रशासन को हर महीने औसतन 150 से 200 आरसी मिल रही हैं. अब तक कुल आरसी की संख्या 4,571 है, जो कुल लगभग 1,728 करोड़ रुपये है.