अपराधयूपी स्पेशलराज्य

Ghaziabad: तय था रिश्ता, फिक्स होनी थी शादी की तारीख; देहरादून में सड़क हादसे में गई जान, घर में पसरा मातम

पंचवटी के सी-ब्लॉक में रहने वाले ऋषभ जैन की उत्तराखंड में देहरादून के पास हुए हादसे में मौत के बाद परिवार बिखर गया। माता-पिता की पूर्व में मौत हो जाने के बाद ऋषभ (27) अपनी 72 वर्षीय दादी और छोटी बहन का एकमात्र सहारा थे। प्राइवेट नौकरी करके वह घर चलाते थे। बहन की शादी की जिम्मेदारी भी ऋषभ पर ही थी। हादसे में उनकी मौत के बाद उनके सारे सपने बिखर गए। बहन और दादी की आंखों में सिर्फ आंसू ही आंसू हैं।

ऋषभ के चाचा सचिन जैन ने बताया कि करीब 12 साल पहले ऋषभ के पिता अतुल जैन की मौत हो गई थी। करीब चार साल पहले मां का भी निधन हो गया था। पंचवटी की सी-ब्लॉक में एक छोटे से फ्लैट में ऋषभ अपनी दादी कनक जैन और छोटी बहन मुस्कान के साथ रहते थे। माता-पिता का साया सिर से उठा तो ऋषभ ने जिंदगी से हार नहीं मानी और वह अपनी बहन की परवरिश कर रहे थे। चाचा सचिन जैन ने बताया कि बहन की पढ़ाई-लिखाई से लेकर ऋषभ उसकी हर जरूरत का ख्याल रखते थे। कुछ महीने पहले ही मुस्कान की भी नौकरी लग गई थी। इससे भाई-बहन बड़े खुश थे। लग रहा था कि अब जिंदगी आसान हो जाएगी, लेकिन एक ही झटके में फिर से मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा।

उनका कहना है कि इसका आभास भी नहीं था कि जिंदगी का इकलौता सहारा यूं साथ छोड़कर चला जाएगा। दादी और बहन का कहना है कि अब वह जिएंगे तो किसके लिए। भगवान ने उनका सब कुछ छीन लिया। उनका कहना है कि काश ऋषभ देहरादून घूमने जाने का मन बदल लेता तो उनकी दुनिया यूं बेरंग न होती। बहन की शादी के लिए चिंतित रहता था। उन्होंने बताया कि ऋषभ परिवार की जिम्मेदारियां समझता था। वह बहन की शादी के लिए चिंतित था। उसने बहन की शादी के लाखों सपने संजोए थे। अक्सर दादी व बहन से शादी की चर्चा करता था।

पहले बेटे-बहू ने साथ छोड़ा अब पोता भी चला गया

ऋषभ की दादी का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि पहले बेटा छोड़कर चला गया, फिर बहू और अब पोते को भी भगवान ने उनसे छीन लिया। उनकी जिंदगी में उन्होंने एक के बाद एक इतने दुख देख लिए कि अब जीना मुश्किल हो गया है।

वीकेंड की लंबी छुट्टियां मौत के मुंह में ले गई ऋषभ और सूरज को

सप्ताह के अंत में लगातार तीन सरकारी छुट्टियां सूरज कश्यप और ऋषभ को मौत के मुंह में ले गई। दुहाई के रहने वाले सूरज कश्यप (27) एचडीएफसी की आर्य नगर शाखा में नौकरी करते थे। भाई बिरजू ने बताया गुड फ्राइडे, सप्ताह का द्वितीय शनिवार और फिर रविवार लगातार तीन दिन की छुट्टी होने की वजह से सूरज का घूमने जाने का प्रोग्राम बना था। शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे घूमने जाने की बात कहकर वह घर से गया था। शनिवार सुबह लगभग 11:30 बजे देहरादून के विकास नगर थाने से हादसे में मौत होने की सूचना मिली। पुलिस ने उन्हें बताया कि शुक्रवार रात 11 से 12 के बीच में कार पहाड़ से नीचे गिर गई थी। बिरजू ने बताया कि सूरज की इसी साल शादी होने वाली थी। अंदाजा नहीं था कि घूमने जाएगा तो वह कभी घर नहीं लौटेगा।

पोंटा साहिब जाने के लिए कहकर गए थे ज्ञानेंद्र सैनी

मालीवाड़ा में रहने वाले ज्ञानेंद्र सैनी (42) भी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोस्तों के साथ वह अपनी स्विफ्ट डिजायर कार लेकर उनके साथ घूमने गए थे। ज्ञानेंद्र के छोटे भाई कपिल ने बताया कि टैक्स एडवोकेट हैं और गाजियाबाद के सुचित्रा कांप्लेक्स में उनका कार्यालय है। शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे वह घर पर पोंटा साहिब जाने के लिए कहकर निकले थे। उनका कहना है कि लगातार कई दिन का अवकाश होने की वजह से उन्होंने दोस्तों के साथ घूमने जाने का कार्यक्रम तय किया था। उनका कहना है कि शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सड़क हादसे में उनके घायल होने की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही उनके भाई और परिवार के दो अन्य सदस्य उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button