अपराधदिल्ली/एनसीआरयूपी स्पेशलराज्य

बेवफा बीवी का खूनी खेल: प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या, अगले दिन दराती से काटा सिर और नदी में फेंका

गाजियाबाद के लोनी में सुधीर एंक्लेव में रहने वाले फैक्टरी के सिक्योरिटी गार्ड राजेश गर्ग (60) की हत्या उनकी दूसरी पत्नी लालदेवी उर्फ बबीता (48) ने अपने प्रेमी अक्षय मलिक (35) के साथ मिलकर की थी। अक्षय राजेश के मकान में किरायेदार है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को वारदात का खुलासा हो जाने का दावा किया। पुलिस का कहना है कि राजेश पहली पत्नी से हुई इकलौती बेटी दीपिका के नाम 25 गज का प्लॉट करना चाहते थे। लालदेवी इसे अपने नाम कराना चाहती थी। राजेश इसके लिए राजी नहीं हुए।

इसी पर साजिश के साथ 17 फरवरी को लालदेवी और अक्षय राजेश को शामली ले गए। अक्षय मूलरूप से शामली के बाबरी थाना क्षेत्र के गांव भिक्की का ही निवासी है। उसका भांजा आदेश मलिक चोट लग जाने पर शामली में अस्पताल में भर्ती था। लालदेवी ने राजेश से कहा था, हमें भी उसे देखने अस्पताल चलना चाहिए। इस पर राजेश, अक्षय और लालदेवी एक ही बाइक से गए थे। वापसी में बहावड़ी गांव के पास दोनों ने मिलकर अक्षय की हत्या की। शव की पहचान छिपाने के लिए 18 फरवरी को अक्षय लाश से सिर काटकर ले गया और 60 किमी. दूर बागपत में कृष्णा नदी में फेंक आया था।

पुलिस की गुमराह करने के लिए लालदेवी ने 19 अप्रैल को ट्रॉनिका सिटी थाने में राजेश की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी और खुद भी उनकी तलाश करने का नाटक करती रही। पुलिस ने उसकी कहानी पर यकीन कर लिया था, लेकिन जब दीपिका ने तहरीर दी तो पुलिस को जांच-पड़ताल करनी पड़ी और फिर रहस्य से पर्दा उठ गया। दीपिका की शादी गाजियाबाद के कविनगर में हुई है। राजेश की लालदेवी से शादी दो साल पहले हुई थी। उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया था। तब वह किराये पर रहते थे। मकान मालिक ने लालदेवी से शादी कराने के बदले राजेश से साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। लालदेवी के पहले पति से दो बच्चे थे। पति की मृत्यु हो गई थी।

बेटी की जिद से खुला पिता की हत्या का राज

राजेश की हत्या का खुलासा होना मुश्किल था क्योंकि ट्रॉनिकी सिटी थाने की पुलिस इसे गुमशुदगी का केस मानकर फाइल बंद कर चुकी थी। उधर, शामली शिनाख्त न होने के कारण शामली पुलिस ने सिर कटी लाश मिलने के मामले में जांच आगे नहीं बढ़ाई। गुत्थी सिर्फ इसलिए सुलझ सकी क्योंकि राजेश गर्ग की बेटी दीपिका ने इसकी जिद पकड़ ली। पिता के अचानक लापता हो जाने के बात उसके गले नहीं उतर रही थी। उसने 10 अप्रैल को तहरीर दी। थाना पुलिस ने उसे टरका दिया तो 12 को जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की।

इसके बाद 15 को पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से पास पहुंच गई। उन्हें बताया कि पिता की हत्या के बाद से सौतेली मां लालदेवी किरायेदार अक्षय के साथ रह रही है। इस पर कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस की टीम ने लालदेवी से पूछताछ की। उसने जुबान नहीं खोली तो मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई। उसमें 17 फरवरी, इससे पहले और बाद में अक्षय से दिन में 20-20 बार बात होने का पता चला। इसी आधार पर अक्षय से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और जुर्म कुबूल कर पूरा घटनाक्रम पुलिस को बता दिया। लालदेवी का कहना था कि राजेश से उसकी शादी हो चुकी थी जबकि दीपिका के ससुरालीजनों ने पुलिस से कहा कि दोनों साथ रहते थे लेकिन शादी नहीं हुई थी।

दोनों ने कुबूल किया जुर्म

डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि राजेश गर्ग का 25 गज का एक प्लॉट था। वह इसे बेटी के नाम करना चाहते थे। लालदेवी अपने नाम कराना चाहती थी। राजेश राजी नहीं हुए तो उसने अक्षय के साथ मिलकर हत्या कर दी। दोनों ने जुर्म कुबूल कर लिया है। शामली में मिले सिर कटे शव का विसरा सुरक्षित रखा गया था। उसका डीएनए परीक्षण कराया जाएगा।

ऐसे वारदात को दिया अंजाम

  • साजिश के तहत 17 फरवरी को लालदेवी और अक्षय राजेश को शामली ले गए।
  • वापसी में शामली के पास सुनसान इलाके में राजेश गर्ग की हत्या कर दी गई।
  • लालदेवी ने राजेश के हाथ पकड़े और अक्षय मलिक ने सिर पर ईंट से प्रहार किया।
  • दोनों ने शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया और वहां से बाइक से लोनी पहुंच गए।
  • 19 की सुबह अक्षय गन्ने के खेत में पहुंचा और दरांती से राजेश गर्ग का सिर काट लिया।
  • उसने सिर को ले जाकर कृष्णा नदी में फेंका और फिर लोनी चला गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button