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अखिलेश से मुलाकात के बाद बोले नीतीश- मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं, देशहित में करूंगा काम

लखनऊ. विपक्ष को एकजुट करने में लगे नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लोकतंत्र को बचाने और भाजपा को हराने के लिए हम आपके साथ हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि हम एकजुट होकर भाजपा से लड़ेंगे. नीतीश कुमार के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि देश में जिस तरह का संकट है. संविधान को बचाने के लिए हम सब एकजुट होकर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के कारण किसान और युवा परेशानी में है. महंगाई और बेरोजगारी चरम सीमा पर हैं. हम चाहते हैं कि भाजपा हटे, देश बचे.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि

सब लोग एकजुट हो रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा पार्टियां हमारे साथ आये इसके प्रयास हो रहे हैं. एक राय बनाने की कोशिश हो रही है. हमारा इनके साथ क्या संबंध है ये तो सब जानते ही हैं. इनके पिताजी के नेतृत्व में ही हम लोग काम किये हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि उनका किसी पद को पाने की इच्छा नहीं है. वो केवल सबको साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सरकार में कोई काम नहीं हो रहा है. केवल प्रचार प्रसार हो रहा है. इससे पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश प्रसाद यादव से मुलाकात के लिए लखनऊ पहुंचे.

कांग्रेस ने सौंप रखा है विपक्ष को एकजुट करने का जिम्मा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों में प्रमुख पार्टी रखना चाहते हैं. इसी के तहत वो कांग्रेस के नाम पर उन पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं, जो अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस का विरोध कर रही हैं. राष्ट्रीय पार्टी के नाम पर कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि ग्राउंड पर कई क्षेत्रीय दल मजबूत हैं. एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश दिल्ली पहुंचे थे.

राहुल समेत कई नेताओं से कर चुके हैं मुलाकात 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जु खड़गे ने विपक्षी एकता के लिए नीतीश के दिल्ली बुलाया और वहां राहुल गांधी की मौजूदगी में मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद नीतीश फिर से एक्टिव हो गए हैं और पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में फिर से लग गए हैं. इसी मुहिम के तहत नीतीश और तेजस्वी कोलकाता और लखनऊ पहुंचे हैं, जहां वे ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को भाजपा विरोधी खेमे में लाने की कोशिश में सफल होते दिखे हैं.

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