पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन, 95 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
चंडीगढ़. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल (95) का मंगलवार को निधन हो गया. वह मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. अस्पताल के अधिकारियों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि बादल ने रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली. इस बीच, केंद्र सरकार ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में 26 और 27 अप्रैल को पूरे देश में दो-दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई.
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता को सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद एक हफ्ते पहले मोहाली में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें सोमवार को भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया, जहां चिकित्सक उनके स्वास्थ्य की करीबी निगरानी कर रहे थे.
पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बादल को ‘गैस्ट्राइटिस’ और सांस लेने में परेशानी होने के चलते पिछले साल जून में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड बाद की स्वास्थ्य जांच के लिए फरवरी 2022 में उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था. बादल पिछले साल जनवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये थे और उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बादल के परिवार में उनके बेटे और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और बेटी परनीत कौर हैं, जिनकी शादी पूर्व कैबिनेट मंत्री आदिश प्रताप सिंह कैरों से हुई है. अकाली दल के संरक्षक 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे. हालांकि, लांबी विधानसभा सीट से वह आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार गुरमीत खुददियन के हाथों 11,357 मतों से हार गए थे.
बादल का 75 साल का राजनीतिक सफर
1952 में बादल गांव से चुने जाने पर बादल सबसे कम उम्र के सरपंच थे. वह 1970 में पंजाब के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री और फिर 2012 में सबसे उम्रदराज सीएम भी बने. उन्होंने 1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 तक पांच बार सीएम बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. वह लोकसभा सांसद भी थे और थोड़े समय के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में भी कार्य किया.