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दादरी, दनकौर, बिलासपुर, जहांगीरपुर और जेवर में कौन बनेगा चेयरमैन देखें जागो हिंदुस्तान विशेष पड़ताल

गौतमबुध नगर/ डॉ. सतीश शर्मा जाफराबादी

11 मई की सुबह 7:00 बजे नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान शुरू हो जाएगा। सभी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर पूरी ताकत चेयरमैन पद पर कब्जा करने के लिए झोंक दी है। प्रशासन ने भी शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने की पूरी तैयारियां कर ली है। गौतम बुद्ध नगर जिले की दादरी, दनकौर, बिलासपुर जहांगीरपुर और जेवर नगर पंचायत में किसके सिर पर सजेगा चेयरमैन पद का ताज ? कहां किस की क्या स्थिति है ? जागो हिंदुस्तान की विशेष पड़ताल

दादरी में गीता पंडित बनाएंगी हैट्रिक ?

सबसे पहले जिले की एकमात्र नगर पालिका परिषद दादरी की पड़ताल।दादरी में लगभग 97000 मतदाता है। यहां 25 वार्ड हैं। भाजपा प्रत्याशी गीता पंडित तीसरी बार हैट्रिक बनाने की तैयारी में है। अयूब मलिक सपा के उम्मीदवार हैं। रविंद्र भाटी बसपा के उम्मीदवार हैं। वैसे मुकाबला तो इन तीनों प्रत्याशियों के बीच में त्रिकोणीय है। अन्य उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन इन तीनों के अलावा बाकी की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इन तीनों में भी गीता पंडित की स्थिति इस बार भी काफी बेहतर और मजबूत मानी जा रही है। पार्टी के विद्रोही जग भूषण गर्ग भूमिगत हो गए हैं। वह भाजपा के ही पुराने कार्यकर्ता थे। पहले वह भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग्य आजमाने की कोशिश में थे। लेकिन अब वह चुनावी मैदान से एकदम बाहर हैं। उनके भूमिगत और अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा प्रत्याशी गीता पंडित को अपना समर्थन दिए जाने के बाद गीता पंडित की स्थिति इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत मानी जा रही है। मतदाताओं, संवाददाताओं और कस्बे के लोगों का कहना है कि इस बार भी गीता पंडित की जीत सुनिश्चित है। पूरे जिले की निकाय चुनाव क्षेत्रों में दादरी एकमात्र ऐसी सीट मानी जा रही है जहां पर बीजेपी उम्मीदवार की स्थिति सबसे अधिक मजबूत है।

दनकौर में भाजपा प्रत्याशी का मुकाबला निर्दलीय से

दनकौर में भाजपा ने नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। सांसद विधायक राज्यसभा सांसद और जिले से लेकर प्रदेश स्तर के अनेक नेता यहां सभा कर मतदाताओं से वोट मांग चुके हैं लेकिन दनकौर में भाजपा प्रत्याशी राजवती देवी को निर्दलीय प्रत्याशी रोशनी देवी के समक्ष लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। दनकौर में निर्दलीय प्रत्याशी रोशनी देवी की स्थिति काफी मजबूत बन गई है। कुछ दिन पूर्व भाजपा प्रत्याशी राजवती देवी की स्थिति नाजुक थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत में सुधार आया है। वहीं बसपा प्रत्याशी ने भी थोड़ी बहुत बढ़त बनाई है। अन्य प्रत्याशियों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। मुख्य मुकाबला भाजपा, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी रोशनी देवी के बीच त्रिकोणीय माना जा रहा है। दनकौर में मुस्लिम और गुर्जर मतदाता निर्णायक स्थिति में है। मुस्लिम और गुर्जर मतदाताओं का मत विभाजन नहीं हुआ तो रोशनी देवी की जीत सुनिश्चित हो सकती है। दनकौर में मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजवती और निर्दलीय प्रत्याशी रोशनी देवी के बीच है। रोशनी देवी पूर्व चेयरमैन रह चुकी है। राजवती भी पूर्व चेयरमैन रह चुकी है। दोनों महिला इस बार क्या इतिहास रचेगी यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन कड़ा मुकाबला इन दोनों के बीच है। दनकौर में 12 वार्ड में लगभग 13000 मतदाता है। इनमें से जाट जाटव 2350, मुस्लिम 2200, गुर्जर 1600, वैश्य 1350, ब्राह्मण 1100 और प्रजापति 1000 मतदाता है। पूर्व चेयरमैन और निर्दलीय प्रत्याशी रोशनी देवी को कई वर्ग के लोगों का समर्थन है। वहीं भाजपा प्रत्याशी के साथ भी पार्टी की साख जुड़ी हुई है। राजवती देवी के साथ पार्टी के कार्यकर्ता एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। फिर भी पार्टी के दो गुटों की अंतर कलह भाजपा प्रत्याशी को भारी पड़ सकती है।

बिलासपुर में निर्दलीय प्रत्याशी मजबूत

बिलासपुर नगर पंचायत में भी भाजपा प्रत्याशी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रही है। बिलासपुर नगर पंचायत के 10 वार्डो में 9358 वोटर हैं। यहां हिंदू मतदाता और मुस्लिम मतदाता लगभग बराबर है। भाजपा में अंतर कलह के चलते पार्टी के कार्यकर्ता दो गुटों में बंटे हुए हैं। भाजपा की प्रत्याशी सुदेश नागर पूर्व चेयरमैन है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी लता सिंह सामाजिक कार्यकर्ता संजय भैया की पत्नी है। मुस्लिम वर्ग से 4 प्रत्याशी मैदान है मैं है। पूर्व चेयरमैन साबिर कुरेशी की पत्नी भी भाग्य आजमा रही हैं। मुस्लिम वर्ग से 4 प्रत्याशी मैदान में रहने से इस वर्ग का मत विभाजन हो गया है। जिसके कारण निर्दलीय और भाजपा प्रत्याशी को टक्कर देने की स्थिति में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी सुदेश नागर और निर्दलीय प्रत्याशी लता सिंह के बीच में है। लता सिंह को गुर्जर, मुस्लिम, ब्राह्मण, वैश्य और अन्य जातियों का समर्थन मिल रहा है। गत दिनों निर्दलीय प्रत्याशी और पार्टी प्रत्याशी के समर्थकों के बीच हुए झगड़े ने चुनाव की तस्वीर बदल दी । 4 दिन पूर्व जहां भाजपा प्रत्याशी कड़े मुकाबले में था वही आज भाजपा प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी के समक्ष कमजोर साबित हो रही हैं। यहां स्थिति निर्दलीय प्रत्याशी लता सिंह की काफी मजबूत मानी जा रही है। मुख्य मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी लता सिंह और भाजपा प्रत्याशी सुदेश नगर के बीच में है। मुस्लिम वर्ग में 4 प्रत्याशी होने के कारण इस पर का चेयरमैन प्रत्याशी मुख्य मुकाबले से बाहर हो गया है।

जहांगीरपुर में त्रिकोणीय स्थिति

इस बार जहांगीरपुर में भी चेयरमैन पद के लिए त्रिकोणीय स्थिति बन रही है। नगर पंचायत के 10 वार्डों में लगभग 9000 मतदाता हैं। कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा , सपा और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच में है। जहांगीरपुर नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी ने राजनीतिक समीकरण के चलते अपनी स्थिति पिछले 2 दिन में काफी मजबूत की है। भाजपा से निवर्तमान चेयरमैन जयप्रकाश शर्मा पूरी ताकत झोंक चुके हैं। वहीं सपा से जाने आलम नूरी बसपा से हाजी फराइम और निर्दलीय पूर्व चेयरमैन के सुपुत्र गजेंद्र सिंह उर्फ गज्जू भैया चेयरमैन पद की दौड़ में हैं।  ब्राह्मण वर्ग से दो प्रत्याशी वैश्य वर्ग से एक प्रत्याशी मुस्लिम वर्ग से 2 प्रत्याशी और ठाकुर मीना वर्ग से एक प्रत्याशी इस समय मैदान में है। मीना वर्ग के गजेंद्र सिंह उर्फ गज्जू भैया पूर्व चेयरमैन सौदान सिंह के सुपुत्र हैं। मीणा समाज ने उन्हें पूरा समर्थन दिया है। मीना समाज के संजय एडवोकेट ने उन्हें अपना समर्थन दे दिया है वहीं एक पार्टी विशेष के कुछ कार्यकर्ताओं और अन्य वर्ग के मतदाताओं का भी उन्हें समर्थन मिल रहा है। जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश शर्मा को गजेंद्र सिंह उर्फ गज्जू भैया निर्दलीय प्रत्याशी कड़ा मुकाबला देने की स्थिति में है।

जेवर में चेयरमैन पद के लिए है त्रिकोणीय मुकाबला

जेवर में भी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां भाजपा, सपा और एक निर्दलीय प्रत्याशी कड़े मुकाबले की स्थिति में है। भाजपा से धर्मेंद्र अग्रवाल सपा से औरंगजेब अली और निर्दलीय प्रत्याशी नारायण माहेश्वरी कड़े मुकाबले में है। मुस्लिम वर्ग के मतदाताओं की संख्या 10000 से अधिक है। वही वैश्य वर्ग के 2800, ब्राह्मण 2800, जाटव 4000 और कुछ अन्य वर्ग के भी मतदाता निर्णायक स्थिति में है। पिछले दिनों भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र अग्रवाल की स्थिति काफी कमजोर चल रही थी। पार्टी में अंतर कलह गुटबाजी के चलते भाजपा प्रत्याशी का असर मतदाताओं पर नहीं था लेकिन हाल फिलहाल उनकी स्थिति बेहतर बताई गई है। मुस्लिम वर्ग से एकमात्र औरंगजेब अली चुनावी मैदान में है। वह पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं। मुस्लिम वर्ग का मत विभाजन नहीं के बराबर है। इस कारण औरंगजेब अली कड़ा मुकाबला देने की स्थिति में है। बसपा और अन्य पार्टी के प्रत्याशियों और निर्दलीय प्रत्याशियों की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा सपा और निर्दलीय प्रत्याशी नारायण माहेश्वरी के बीच में है यदि निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में मत विभाजन हुआ तो इसका लाभ मुस्लिम प्रत्याशी को सीधे मिल सकता है। इस पड़ताल के अलावा हाल-फिलहाल मौके की स्थिति और अचानक चली चुनावी बयार भी समीकरण बदल सकती है।

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