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PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार, झारखंड पुलिस और NIA ने कुल 30 लाख का इनाम कर रखा था घोषित

दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सेंट्रल एजेंसियों के साथ मिलकर कुख्यात नक्सली कमांडर दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया है. यह शातिर नक्सली इन दिनों नेपाल में छुपकर रह रहा था. प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रमुख दिनेश गोप पर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था. इसमें 25 लाख रुपये का इनाम झारखंड पुलिस ने घोषित किया था, जबकि पांच लाख रुपये का इनाम NIA ने जारी किया था.

इस शातिर नक्सली की तलाश देश की झारखंड छत्तीसगढ़ की पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और एनआईए को भी थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में इस शातिर नक्सली के बारे में पुलिस को इनपुट मिले थे. इसमें बताया गया था यह दिनेश गोप अपना हुलिया बदल कर नेपाल में छिपा हुए हैं. इस इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाया और रविवार को उसे नेपाल स्थित ठिकाने से धर दबोचा है.

पुलिस ने बताया कि दिनेश गोप देश में प्रतिबंधित संस्था पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का हेड है और वह 15 साल से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर वारदातों को अंजाम दे रहा है. उसकी सबसे ज्यादा सक्रियता झारखंड में रही है. ऐसे में झारखंड की पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी या उसके बारे में सूचना देने के लिए 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. वहीं देश विरोधी गतिविधियों की वजह से उसकी तलाश कर रही एनआईए ने भी पिछले दिनों उसके खिलाफ पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह कुख्यात नक्सली नेपाल में बैठकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. इसके लिए आवश्यकता के मुताबिक वह नेपाल से आता जाता रहता था. पुलिस के मुताबिक इस शातिर नक्सली के खिलाफ अब तक 100 से ज्यादा आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस ने इसका पूरा गैंग चार्ट भी बनाया है. इस चार्ट में उसके सभी सहयोगियों के नाम हैं. इनमें से आधा दर्जन से अधिक साथी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में सहयोगी फरार हैं. पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उनकी तलाश कर रही हैं.

पुलिस ने बताया कि दिनेश गोप ने भी पुलिस को गच्चा देने के लिए अपना पूरा हुलिया बदल दिया था. वह ना केवल दाढी रखने लगा था, बल्कि बाल में बढ़ा कर सिखों की तरह से पगड़ी बांधने लगा था. नेपाल में गिरफ्तारी के वक्त भी वह पगड़ी पहने हुए था. पुलिस ने बताया कि इस शातिर नक्सली के नेटवर्क देश के बाहर बेल्जियम और चीन के अलावा पाकिस्तान और स्कॉटलैंड तक हैं. इन देशों में बैठे अपने सहयोगियों के जरिए वह नेपाल में हथियारों की खेप मंगाता था और फिर यहां से झारखंड और छत्तीसगढ़ में अपने नक्सली साथियों तक पहुंचाता था. इन हथियारों की तस्करी का उद्देश्य पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियों पर हमला करना और देश की अर्थ व्यवस्था को बड़ी चोट पहुंचाना था.

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